सरकार का बड़ा एक्शन: तेल कंपनियों पर निगरानी, पैक साइज होंगे तय, ग्राहकों को मिलेगा फायदा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 01:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः खाद्य तेल की लगातार बढ़ती कीमतों और जमाखोरी की शिकायतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने ‘वेजिटेबल ऑयल प्रोडक्शन एंड अवेलेबिलिटी ऑर्डर 2025’ का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसका उद्देश्य है बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना, कीमतों को नियंत्रण में रखना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना। इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से 11 जुलाई 2025 तक सुझाव मांगे गए हैं।
कंपनियों की हर गतिविधि पर होगी सरकारी नजर
ड्राफ्ट के तहत, खाद्य तेल कंपनियों को अब हर महीने अपने उत्पादन, स्टॉक, बिक्री, आयात और निर्यात की जानकारी सरकार को देनी होगी। अभी तक यह विवरण अनिवार्य नहीं था, जिससे सरकार को बाजार की स्थिति का सटीक आकलन करना मुश्किल हो रहा था। यदि कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है तो सरकार प्लांट निरीक्षण से लेकर कानूनी कार्रवाई तक कर सकेगी।
मानक पैक साइज फिर से होंगे अनिवार्य
पिछले कुछ वर्षों में 800 ग्राम, 810 ग्राम और 850 ग्राम जैसे अनियमित पैकेट साइज के नाम पर उपभोक्ताओं से 1 किलो के बराबर कीमत वसूल की जा रही थी। अब सरकार इन धांधलियों पर अंकुश लगाने के लिए 500 ग्राम, 1 किलो, 2 किलो और 5 किलो जैसे मानक पैक साइज को फिर से अनिवार्य करने की योजना पर काम कर रही है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इससे उपभोक्ता स्पष्ट रूप से समझ पाएंगे कि वह कितना उत्पाद खरीद रहे हैं और क्या सही कीमत चुका रहे हैं। इससे न केवल भ्रम की स्थिति खत्म होगी, बल्कि मूल्य हेरफेर पर भी रोक लगेगी।
बढ़ती मांग और कीमतों से उपभोक्ताओं पर बोझ
भारत में खाद्य तेल की खपत तेजी से बढ़ रही है —
- 2020-21: 24.6 मिलियन टन
- 2022-23: 28.9 मिलियन टन
बढ़ती मांग के साथ कीमतों में भी तेजी आई है:
- सरसों तेल: ₹135.50 → ₹170.66 प्रति किलो
- सोया तेल: ₹123.61 → ₹147.04
- सूरजमुखी तेल: ₹123.17 → ₹160.77
- पाम तेल: ₹101 → ₹135.04
- वनस्पति तेल: ₹126.40 → ₹154.71
केवल मूंगफली तेल की कीमतों में स्थिरता देखी गई है।
उपभोक्ता विश्वास बहाल करने की कोशिश
सरकार को उम्मीद है कि ये सख्त नियम न केवल बाजार को स्थिर और पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि जमाखोरी और ठगी पर लगाम लगाकर उपभोक्ताओं के विश्वास को फिर से मजबूत करेंगे।