सोने के प्रति भारतीयों का बदला रुझान, ETF में बढ़ा निवेश, ज्वैलरी की बिक्री पर ब्रेक!

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 05:50 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बढ़ती महंगाई और रिकॉर्ड तोड़ कीमतों के चलते भारतीयों का सोने की ओर रुझान अब बदलता दिख रहा है। जहां पहले सोना खरीदने का मतलब गहनों की खरीदारी होता था, वहीं अब निवेशक डिजिटल माध्यमों जैसे गोल्ड ETF की ओर झुक रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2025 में भारत की सोने की मांग पिछले पांच वर्षों के मुकाबले सबसे कम स्तर पर पहुंच सकती है। ज्वैलरी सेगमेंट में भारी गिरावट देखी जा रही है, जबकि गोल्ड ETF में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

रिकॉर्ड कीमतों ने आम खरीदारों की जेब पर असर डाला है, जिससे खासकर ज्वैलरी की खरीदारी में भारी गिरावट आई है। अनुमान है कि इस साल कुल खपत 600 से 700 मीट्रिक टन के बीच रह सकती है, जो 2024 के 802.8 टन से काफी कम होगी।

कीमतें बनीं बाधा, निवेश बना सहारा

इस साल जून में भारत में सोने की कीमत ₹1,01,078 प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। साल 2025 में अब तक इसकी कीमतों में 28% की तेजी आ चुकी है। इस महंगाई का असर अप्रैल-जून तिमाही की खपत पर भी दिखा, जहां कुल मांग 134.9 टन रही—जो साल दर साल 10% कम है। इस दौरान ज्वैलरी की मांग में 17% की गिरावट आई, जबकि निवेश के रूप में खरीदारी 7% बढ़ी।

गोल्ड ETF में बढ़ा निवेश, डिजिटल रुझान मजबूत

सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ है। जून 2025 में गोल्ड ETF में 20.81 अरब रुपए का निवेश हुआ, जो पिछले महीने की तुलना में दस गुना अधिक है। WGC इंडिया के प्रमुख सचिन जैन के अनुसार, "डिजिटलीकरण और जागरूकता में वृद्धि के कारण गोल्ड ETF भारत में निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।"

सितंबर तिमाही में भी मांग दबाव में रह सकती है, हालांकि त्योहारों का मौसम मांग को सहारा दे सकता है। जानकारों का मानना है कि अगर जियो-पॉलिटिकल तनाव के कारण कीमतों में 10-15% और उछाल आया, तो सालभर की कुल खपत 600 टन के करीब सिमट सकती है। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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