भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी, विदेशी निवेशकों ने हर दिन की 2700 करोड़ की निकासी
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 10:45 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। लगातार गिरावट के मामले में इसने 29 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को छठे महीने का खाता भी गिरावट के साथ खुला। निफ्टी ने पिछले साल 27 सितंबर को 26277. 35 का शिखर बनाया था, वहां से यह सूचकांक 4273 अंक यानी 16 फीसदी गिर चुका है। वहीं, सेंसेक्स में 85,978.25 अंक के शिखर से 13200 अंक यानी 15 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2025 में हर दिन औसतन 2700 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।
दरअसल भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी गतिविधियां बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं। फरवरी में लगातार पांचवे महीने एफपीआई की निकासी जारी रही, जिससे बाजार पर दबाव साफ नजर आया।
अगर सिर्फ जनवरी और फरवरी के आंकड़ों को देखें, तो एफपीआई ने कुल 1.23 लाख करोड़ रुपए भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी के अंतिम दिन ही एफपीआई ने 11,639 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जो 2025 में अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी बिकवाली थी। फरवरी महीने में उनकी कुल बिकवाली 41,748 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
हर दिन गए 2700 करोड़ रुपए बाहर
एफपीआई ने जनवरी और फरवरी में मिलाकर कुल जितनी बिकवाली है, अगर उसका कैलकुलेशन हर दिन के ट्रेडिंग सेशन के हिसाब से लगाया जाए, तो इस देश के शेयर बाजार से हर दिन करीब 2,688 करोड़ रुपए बाहर चले गए। शेयर बाजार में बदल रहे इस ट्रेंड में म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियों जैसे घरेलू इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर (DII) लगातार पैसा इंवेस्ट कर रहे है, इसके बावजूद बाजार में अभी गिरावट का रुख बना हुआ है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले डीआईआई बाजार में पैसा लगा रहे हों लेकिन एफपीआई की निकासी को देखते हुए अरबपति और अमीरों के फैमिली ऑफिस, हाई-नेटवर्थ वाले इंडिविजुअल्स और रिटेल इंवेस्टर भी शेयर बाजार से एग्जिट ले रहे हैं। इसलिए भी मार्केट को स्टेबल होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या अमेरिका और चीन की नजर लगी है?
अगर शेयर बाजार के ट्रेंड को समझें, तो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखने लगा। अक्तूबर से बाजार में गिरावट जारी है और एफपीआई की निकासी भी उसी समय से तेज हो गई।
वॉटरफील्ड एडवाइजर्स में सीनियर डायरेक्टर (स्टॉक इन्वेस्टमेंट) विपुल भोवर का मानना है कि भारतीय बाजार के ऊंचे मूल्यांकन और कॉरपोरेट इनकम ग्रोथ को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते एफपीआई लगातार पैसे निकाल रहे हैं।
इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी बिल्स से अधिक रिटर्न की उम्मीद और डॉलर की मजबूती ने निवेशकों को अमेरिकी एसेट्स की ओर आकर्षित किया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी. के. विजयकुमार के अनुसार, एफपीआई भारत में बिकवाली कर रहे हैं, जबकि चीन के शेयर बाजार में कम वैल्यूएशन के चलते वहां उनका निवेश बढ़ रहा है।