भविष्य में दुनिया के लिए विकास का इंजन होगा भारतः सुरेश प्रभु

punjabkesari.in Wednesday, May 02, 2018 - 01:32 PM (IST)

जोहानिसबर्गः केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां कहा कि जल्द पेश होने वाले नई औद्योगिक नीति के साथ भारत वैश्विक वृद्घि का अगला इंजन होगा। प्रभु दो दिवसीय भारत-अफ्रीका कारोबारी सम्मेलन 2018 में भाग लेने गए उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे।

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
उन्होंने नई औद्योगिक नीति से जुड़ी कुछ जानकारियां साझा करते हुए कहा कि यह औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने वाली 1956 की पहली नीति और 1992 की नीति से अलग होगी। नई औद्योगिक नीति में तीन मुख्य तत्व शामिल होंगे। ये तत्व-मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण, नए उद्योग लाना और स्टार्टअप कंपनियों में वृद्धि है। प्रभु ने चीन की आर्थिक वृद्धि में तेजी का श्रेय चीनी सरकार के निवेश को दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन भारत की सफलता और वृद्धि की कहानी भारतीयों द्वारा प्रेरित है। भारत के निजी क्षेत्र का इसमें अहम योगदान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं भरोसे से कह सकता हूं कि 2018, 2017 से बेहतर और 2019, 2018 से बेहतर होगा। भारत 2020 तक दहाई अंक वाली अर्थव्यवस्था बनने के हमारे लक्ष्य के करीब होगा। यही नहीं भारत 2032 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। प्रभु ने कहा, 2025 तक भारत 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी और अगले सात साल में यह 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी। तब जाकर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी।
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उद्योगों पर दिया जाएगा ध्यान
देश की वृद्धि में तेजी के कारणों को लेकर प्रभु ने कहा कि किसी भी देश में ऐसी उपलब्धियों के लिए राजनीतिक व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य के उद्योगों की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो कि वैश्विक वृद्धि को बढ़ावा देंगे। सरकार ने 12 क्षेत्रों की पहचान की है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उनके लिए एक अरब डॉलर अलग कर दिया गया है। यह क्षेत्र नौकरियां पैदा करेंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे। साथ ही निर्यात को भी बढ़ावा देंगे।           


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Supreet Kaur

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