कोरोना वायरस का असर: इंडिया रेटिंग्स ने भी घटाई भारती की विकास दर

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 11:06 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोनावायरस और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन, जिसने ज्यादातर आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों को रोक दिया है, के कारण इंडिया रेटिंग्स ने भारत की विकास दर के लिए अनुमान कम कर दिया है। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार 2020-21 में भारत की विकास दर 3.6 फीसदी रह सकती है जबकि पहले इसने 5.5 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था। इंडिया रेटिंग्स ने विकास दर में संशोधन ये मान कर किया है कि लॉकडाउन पूरे अप्रैल (पूरी तरह या आंशिक तौर पर) रहेगा और मई से आर्थिक गतिविधियां शुरू होने लगेंगी। लॉकडाउन के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी भारत की विकास दर का अनुमान घटा कर 4.7 फीसदी कर दिया है। इससे पहले 2019-20 के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 5.0 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था।

इंडिया रेटिंग्स के अनुसार 2019-20 की अंतिम यानी जनवरी-मार्च तिमाही में देश की विकास दर 3.6 फीसदी और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.3 फीसदी रहेगी। इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि कोरोना का भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आपूर्ति चेन के टूटने से चुनिंदा विनिर्माण क्षेत्रों के उत्पादन में अड़चन के रूप में सामने आया है। पर्यटन, हॉस्पिटेलिटी और विमानन क्षेत्रों में भारी गिरावट आई है, जबकि हेल्थकेयर सेक्टर के वर्कलोड में भारी वृद्धि हुई है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, चाहे वे जिस भी सेक्टर में हों, के नकदी प्रवाह (Cash Flow) में अड़चन आनी शुरू हो चुकी है। 

इंडिया रेटिंग्स के अनुसार लॉकडाउन के कारण निर्माण गतिविधियों पर रोक से रियल एस्टेट सेक्टर की समस्याएं बढ़ेंगी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स, होलसेल ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी आदि की मांग घटेगी। रबी की फसल तैयार हो रही है, मगर कटाई में व्यवधान और कृषि बाजारों में समय पर खरीदारी न होने से किसानों की आय और ग्रामीण मांग को झटका लग सकता है। एजेंसी का मानना है कि इसके लिए सरकार और नीति समर्थन की आवश्यकता होगी, जिसके नतीजे मध्य से लंबी अवधि में दिखेंगे।


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jyoti choudhary

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