अब चेक बाउंस हुआ तो आपकी खैर नहीं, विधेयक लोकसभा में पारित

punjabkesari.in Monday, Jul 23, 2018 - 07:36 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने चेक बाउंस होने की दशा में चेक जारी करने वाले को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2017 को आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि चेक बाउंस होने पर सजा की व्यवस्था है, लेकिन इस तरह के मामलों में अपील करने का प्रावधान होने के कारण लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे चेक की विश्वसनीयता कम हो रही है और असुविधाएं बढ रही है। 
 

क्या हैं नए प्रावधान

  • नए प्रावधानों के तहत शिकायत करने वाले को त्वरित न्याय मिलेगा। 
  • मामले की शिकायत करने वाले के लिए 20 प्रतिशत अंतरिम राशि मुआवजे के रूप में देने का प्रावधान किया गया है। 
  • यदि मामला अपीलय अदालत में जाता है तो 20 प्रतिशत और राशि न्यायालय में जमा करनी होगी। 
  • चेक जारी करने वाले को 20 प्रतिशत दंड पर ब्याज भी देना पड़ेगा। 
  • मामले में न्यायालय चाहे तो दंड की राशि 100 प्रतिशत भी कर सकता है।  
  • वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि चेक के अनादर पर समय-समय पर सरकार को विभिन्न पक्षों की ओर से ज्ञापन प्राप्त हुए हैं। 

 

  • विधेयक के जरिए अधिनियम में धारा 143 (क) का समावेशन किया गया है जिसमें अपील करने वाले पक्ष को ब्याज देने का प्रावधान है। 
  • धारा 138 के तहत अदालत में मुकदमा चलने पर पीड़ति पक्ष को 60 दिन के भीतर 20 प्रतिशत अंतरिम राशि देने की व्यवस्था है।
  • बड़ी राशि होने और दो किस्तों में भुगतान करने की दशा में यह अवधि 30 दिन बढ़ाई जा सकती है।
  • इसी प्रकार में धारा 148 में संशोधन करके अदालत को चेक जारी करने वाले पर जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। 


बढ़ेगी चेक की विश्वसनीयता
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि इस विधेयक से चेक के अस्वीकृत होने की समस्या का समाधान हो सकेगा। विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे चेक बाउंस होने के कारण जितने तरह के विवाद उपजते हैं, उन सबका समाधान इसी कानून में हो जाए। इससे चेक की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सामान्य कारोबारी सुगमता में भी इजाफा होगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News