ICICI बैंक की 500 और डिजिटल गांव बनाने की योजना

punjabkesari.in Tuesday, May 02, 2017 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्लीः निजी क्षेत्र का देश के सबसे बड़े बैंक आई.सी.आई.सी.आई. को संचालित करने वाला आई.सी.आई.सी.आई. समूह ने इस वर्ष दिसंबर तक देश के 500 गांवों को डिजिटल बनाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री अरुण जेतली के आज इस समूह द्वारा 100 दिनों के भीतर डिजिटल बनाए गए 100 गांवों को राष्ट्र को समर्पित करने के दौरान बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने यह घोषणा करते हुए कहा कि जनवरी 2015 में उनका बैंक ने सबसे पहले गुजरात के एक गांव को डिजिटल बनाया था। 

डिजिटलीकरण पर जोर दिये जाने के मद्देनजर मात्र 100 दिनों में 100 गांवों को डिजिटल बनाया गया है और अब देश के 500 गांवों को दिसंबर तक डिजिटल बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 500 गांवों के 50 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके तहत शुरू से अंत तक के लेनदेन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों का डिजिटलीकरण करना, ग्रामीणों को इसके लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना, उनकी ऋण सुविधा का विस्तार करना तथा ग्रामीणों की पहुंच बाजार तक बना कर उनके लिए स्थाई आजीविका के संसाधन उपलब्ध कराया जाता है। 

उन्होंने कहा कि उनके समूह का मानना है कि किसी भी राष्ट्र की नींव उसके गांवों के समृद्ध होने से और मजबूत होती है। इसी क्रम में सशक्त गांव, समृद्ध भारत के तहत गांवों को डिजिटल बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इन गांवों में न्यूनतम नकदी रहित तन्त्र विकसित किया गया। इन गांवों के 11,300 ग्रामीणों को जिनमें 7500 से अधिक महिलाएं हैं को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा उन्हें क्रेडिट लिंकेज प्रदान की गई। 

कोचर ने कहा कि जिन 100 गांवों को ‘आई.सी.आई.सी.आई. डिजिटल विलेज’ में बदला गया है वे देश के 17 राज्यों में है। इनमें गुजरात में 16, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 14-14, तमिलनाडु और कर्नाटक में 12-12 तथा राजस्थान में 11 तथा शेष अन्य राज्यों में हैं। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक आधार-बेस्ड ई-केवाईसी का उपयोग कर रहा है। इन गांवों में 2 लाख से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं जो आधार से जुड़े हुए हैं। 10 क्षेत्रीय भाषाओं असमिया, बंगाली, गुजराती, हिन्दी, कन्नड, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगू में एसएमएस सेवाएं दी जा रही है ताकि ग्रामीणों को सरलता से लेनदेन की जानकारी मिल सके। इन गावों में 260 से भी अधिक पीओएस और माइक्रो-एटीएम लगाए जा चुके हैं।  


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