क्या आप इन टैक्स छूटों के बारे में जानते हैं?

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2016 - 02:30 PM (IST)

नई दिल्लीः मकान खरीदने वालों के लिए साल 2016 अच्छा दिख रहा है। टैक्स बेनेफिट्स बढ़े हैं, ब्याज दर घटी है, प्रॉपर्टी के दाम अगर बहुत घटे नहीं हैं तो ज्यादा बढ़े भी नहीं हैं और अफोर्डेबल सेगमेंट्स में नई लांचिंग भी हुई हैं। ऐसे में कई लोग मकान खरीदने के बारे में सोच रहे होंगे। वे लोन की अच्छी डील के लिए बैंकों के ऑफर भी तौल रहे होंगे। अगर आपको दोनों मोर्चों पर डिस्काऊंट मिल जाए तो भी नियमों की जानकारी न होने पर आपका टैक्स बिल बड़ा हो सकता है। मूल कर्ज के भुगतान के लिए सैक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक और ब्याज भुगतान के लिए सैक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपए तक का क्लेम आप कर सकते हैं। आइए होम लोन पर ऐसे दूसरे टैक्स बेनेफिट्स पर डालते हैं एक नजर

 

ई.एम.आई. मिस होने पर भी ब्याज भुगतान के मद में आप टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं। प्रॉपर्टी टैक्स या होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट या पर डिडक्शन ''पेड'' बेसिस पर उपलब्ध होते हैं लेकिन इंट्रेस्ट पर डिडक्शन ''एक्रुअल'' बेसिस पर मिलता है। अगर फाइनैंशल ईयर में कुछ ईएमआई मिस हो गई हों तो भी आप पूरे साल के लिए ई.एम.आई. के ब्याज वाले हिस्से पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

 

ज्यादातर टैक्सपेयर्स को पता नहीं है कि उनके लोन से जुड़े चार्जेज के लिए भी टैक्स डिडक्शन मिलता है। इन चार्जेज को इंट्रेस्ट माना जाता है। एक ट्राइब्यूनल ने जजमेंट भी दिया था कि बैंक जो प्रोसैसिंग फीस लेते हैं, वह मंजूर लोन के संबंध में उनकी ओर से दी गई सर्विसेज से जुड़ी होती है और यह पैसा सर्विस फीस के तहत माना जाएगा। इस तरह हाऊस प्रॉपर्टी से इनकम की मद में सैक्शन 24 के तहत इस पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

 

खरीद या होम लोन लेने के 5 वर्षों के भीतर मकान बेचने पर टैक्स के मामले में नुकसान होता है। ClearTax.in के सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, ''हाऊसिंग लोन के प्रिंसिपल के रीपेमेंट पर सैक्शन 80सी के तहत क्लेम किया गया डिडक्शन ऐसी सूरत में रिवर्स हो जाएगा और उस साल की आपकी ऐनुअल टैक्सेबल इनकम में जोड़ दिया जाएगा, जिस साल प्रॉपर्टी बेची गई हो। आपसे करेंट रेट्स पर टैक्स लिया जाएगा।'' हालांकि इंट्रेस्ट पेमेंट के लिए सैक्शन 24 के तहत क्लेम किए गए टैक्स बेनेफिट्स पर आंच नहीं आएगी।

 

रिश्तेदारों और दोस्तों से लिए गए लोन पर टैक्स डिडक्शन मिलता है। आप किसी से भी लिए गए लोन पर ब्याज भुगतान के लिए सैक्शन 24 के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते लोन प्रॉपर्टी खरीदने या उसे बनाने के लिए लिया गया हो। कर्ज देने वाले को भी अपने इनकम टैक्स रिटर्न में ऐसी इंट्रेस्ट इनकम और उस पर टैक्स चुकाने की जानकारी देनी होगी। हालांकि, यह रूल केवल ब्याज भुगतान पर लागू होता है। अगर आपने किसी बैंक या एंप्लॉयर से लोन नहीं लिया होगा तो सैक्शन 80सी के तहत प्रिंसिपल रीपेमेंट पर सभी टैक्स बेनेफिट्स से हाथ धो बैठेंगे।

 

आप 5 वर्षों तक प्री-कंस्ट्रक्शन पीरियड इंट्रैस्ट भी क्लेम कर सकते हैं। कंस्ट्रक्शन पूरा होने और पजेशन मिलने पर आप होम लोन बेनेफिट्स क्लेम करना शुरू कर सकते हैं। हालांकि, कंस्ट्रक्शन के दौरान या घर की चाबी मिलने से पहले की किस्तों के मामले में आप भले ही प्रिंसिपल वाले हिस्से के रीपेमेंट पर क्लेम न कर सकें लेकिन उस दौरान चुकाए गए ब्याज पर पजेशन मिलने के बाद क्लेम किया जा सकता है। एचऐंडआर ब्लॉक के डायरेक्टर वैभव सांकला ने कहा, ''कानून प्री-कंस्ट्रक्शन पीरियड के दौरान देय ब्याज पर डेफर्ड डिडक्शन की इजाजत देता है। पजेशन मिलने के बाद पांच वर्षों तक यह डिडक्शन उपलब्ध रहता है।''


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