शेयर बाजार में खुशी की लहर, इस साल बनाए रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड

punjabkesari.in Saturday, Dec 30, 2017 - 10:06 AM (IST)

जालंधरः शेयर बाजार में नए साल का जश्न अभी से शुरू हो गया है। सैंसेक्स 34000 के शिखर पर है। शेयर बाजार इन दिनों इसी ‘गोल्डन पीरियड’ में चल रहा है। निफ्टी भी शिखर के आसपास चल रहा है। बाजार को इस वक्त तेजी का बहाना चाहिए और हर अच्छी खबर को ईनाम मिल रहा है। वैसे यह पूरा साल शेयर बाजार के लिए जश्न वाला रहा। इस साल शेयर बाजार ने 30 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो 2009 के बाद सबसे ज्यादा है। ग्लोबल मार्कीट भी भारतीय निवेशकों को जोखिम उठाने के लिए उत्साहित कर रहे हैं। अभी निवेशक जहां हाथ रख रहे हैं, अभी तो उसमें ही पैसा बन रहा है। इसी बात से अंदाज लगाइए कि बैंकिंग, एफ.एम.सी.जी., जैसे तमाम सैक्टर खासी कमाई करा रहे हैं। इसके अलावा जिस भी बड़े शेयर का नाम लीजिए, उसने इन दिनों पैसा कमाकर दिया है। खासतौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर और बैंक शेयर भी तेजी में योगदान दे रहे हैं।

जश्न अभी चलेगा या खतरा भी है?
बाजार जब चलता है तो निवेशक खतरों को भूल जाते हैं लेकिन क्या तेजी के हाईवे पर कोई स्पीडब्रेकर है या फिर दूर-दूर तक कोई रैडलाइट नहीं है? संकेत तो यही कहते हैं कि छोटे उतार-चढ़ाव भले आएं लेकिन बड़े खतरे अभी नहीं दिख रहे हैं। फिर भी 5 बड़े फैक्टर जो नई उम्मीद जगा रहे हैं और जिन पर निवेशकों को नजर रखनी चाहिए-

बजट पर नजर
साल शुरू होते ही पहली फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेतली का बजट साल भर का मूड तय करेगा। लोकसभा चुनाव से पहले यह आखिरी बजट होगा इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इसमें लुभावने फैसले मुमकिन हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों और किसानों पर फोकस रहने की उम्मीद में तय है कि लोगों के हाथ में पैसा आएगा और उससे मूड अच्छा रहेगा।

दुनिया भर के बाजारों में खुशी
विदेशी बाजार खास तौर पर अमरीकी बाजार तक सभी जगह इन दिनों जैसे त्यौहारों का मौसम चल रहा है। निक्कई से लेकर डाओ और नैस्डेक तक कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है।

जी.एस.टी. की टैंशन घटी
जी.एस.टी. कलैक्शन में कमी आई है, लेकिन इसे लेकर नैगेटिव सैंटीमैंट काफी हद तक कम हो गए हैं। सरकार कारोबारियों को लगातार राहत दे रही है। इससे उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही जी.एस.टी. वसूली भी पटरी पर आ जाएगी।

घरेलू निवेशक ज्यादा खरीदार बने
पूरे साल विदेशी निवेशकों ने 7.7 अरब डॉलर का निवेश किया है लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि घरेलू निवेशक बाजारों को चला रहे हैं। 2010 से 2014 के बीच औसतन सालाना 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश बाजारों में हुआ है लेकिन अब कम होने के बावजूद बाजारों में घबराहट नहीं है।


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