Bharti-Haier deal: हायर इंडिया की कमान भारतीय हाथों में, भारती-वारबर्ग के साथ बड़ा समझौता
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 01:04 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः एयरटेल की पेरेंट कंपनी भारती एंटरप्राइजेज ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिंकस के साथ मिलकर चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हायर (Haier) के भारतीय कारोबार में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हायर को अपनी भारतीय इकाई हायर अप्लायंसेज इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए चीन सरकार से मंजूरी मिल गई है।
सूत्रों के अनुसार, इस सौदे की औपचारिक घोषणा जल्द हो सकती है और इसके लिए कंपनी के मुख्यालय स्तर पर बैठकों का दौर जारी है। हायर इंडिया का मौजूदा वैल्यूएशन करीब ₹15,000 करोड़ आंका गया है।
भारत में तीसरी सबसे बड़ी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी
हायर इंडिया, एलजी और सैमसंग के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी बन चुकी है। कंपनी ग्रेटर नोएडा और पुणे स्थित अपने मौजूदा दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स का विस्तार करने के साथ-साथ तीसरा नया प्लांट लगाने की भी योजना बना रही है। बाजार जानकारों का मानना है कि यह डील न सिर्फ सुनील मित्तल के कारोबारी साम्राज्य को मजबूती देगी, बल्कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार के समीकरण भी बदल सकती है।
भारतीय मैनेजमेंट को मिलेगी कमान
प्रस्तावित डील के तहत हायर इंडिया के मालिकाना हक और मैनेजमेंट दोनों का स्थानीयकरण किया जाएगा। खबर है कि मौजूदा प्रेसिडेंट सतीश एनएस को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया जा सकता है, जबकि मौजूदा चीनी प्रमुख डेचेंग हुआंग बीजिंग लौट सकते हैं।
नई संरचना के अनुसार—
- हायर ग्रुप: 49% हिस्सेदारी
- भारती-वारबर्ग कंसोर्टियम: 49% हिस्सेदारी
- कर्मचारियों के पास: 2% हिस्सेदारी
प्रेस नोट 3 से मिलेगी राहत
भारत सरकार के प्रेस नोट 3 नियमों के चलते चीनी कंपनियों के लिए भारत में नया निवेश करना मुश्किल हो गया है। हायर का करीब ₹1,000 करोड़ का निवेश प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ था। ऐसे में एक भरोसेमंद भारतीय पार्टनर के साथ यह डील न सिर्फ नियामक बाधाओं को दूर करेगी, बल्कि भविष्य के विस्तार को भी आसान बनाएगी। खास बात यह है कि भारती-वारबर्ग डील को प्रेस नोट 3 के तहत अलग से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
व्हर्लपूल को पीछे छोड़ा, मुनाफे में जबरदस्त उछाल
हायर इंडिया ने हाल ही में व्हर्लपूल इंडिया को पीछे छोड़ते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी की बिक्री 30 फीसदी बढ़कर ₹8,234 करोड़ रही, जबकि शुद्ध मुनाफा 200 फीसदी से ज्यादा उछलकर ₹480 करोड़ पहुंच गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹11,500 करोड़ की बिक्री का लक्ष्य रखा है।
कई दिग्गज थे रेस में
हायर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में डाबर का बर्मन परिवार, डालमिया भारत ग्रुप और टीपीजी जैसे बड़े नाम भी शामिल थे, लेकिन अंततः भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस की जोड़ी ने बाजी मार ली। विशेषज्ञों का मानना है कि सुनील मित्तल एयरटेल के मजबूत नेटवर्क का इस्तेमाल कर एसी, फ्रिज और टीवी जैसे कंज्यूमर अप्लायंसेज सेगमेंट में बड़ी पकड़ बना सकते हैं।
