GST अधिकारियों की बड़ी कार्रवाई, 10,700 फर्जी कंपनियों का पर्दाफाश

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2024 - 03:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कर अधिकारियों ने जीएसटी के तहत लगभग 10,700 फर्जी पंजीकरण का पता लगाया है, जिसमें 10,179 करोड़ रुपए की कर चोरी (Tax Evasion) शामिल है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सदस्य शशांक प्रिय ने बताया कि माल एवं सेवा कर (GST) पंजीकरण के लिए आधार प्रमाणीकरण पहले से ही 12 राज्यों में लागू है और चार अक्टूबर तक चार और राज्यों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, अंततः मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित 20 राज्यों में आधार प्रमाणीकरण शुरू किया जाएगा।

भविष्य की योजनाएं

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के एक कार्यक्रम में शशांक प्रिय ने कहा कि भविष्य में कर अधिकारी नए करदाताओं पर उनके जोखिम प्रोफाइल के आधार पर कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा, “हम भविष्य में यह देखेंगे कि एक महीने में वे कितने बिल जारी कर सकते हैं... हमें इस प्रणाली के दुरुपयोग से बहुत दुख है और इसे रोकने के लिए सभी संभव तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।”

लक्षित कार्रवाई और अभियान

सीबीआईसी के अधिकारियों ने बताया कि सरकार फर्जी जीएसटी पंजीकरण की जांच के लिए लक्षित कार्रवाई कर रही है और अधिक भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 16 अगस्त से 15 अक्टूबर तक चलेगा। अधिकारियों ने 67,970 जीएसटीआईएन (माल एवं सेवा कर पहचान संख्या) की पहचान की है। इनमें से 59 प्रतिशत (39,965) का 22 सितंबर तक सत्यापन हो चुका है। प्रिय ने कहा कि इनमें 27 प्रतिशत ऐसे संस्थान पाए गए हैं जो अस्तित्व में नहीं हैं, जो पिछले अभियान के समान है।

कर चोरी और ITC की जानकारी 

  • 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया गया है।
  • ₹2,994 करोड़ की इनपुट कर क्रेडिट (ITC) को रोका गया है।
  • ₹28 करोड़ की वसूली भी की गई है (22 सितंबर तक)।

पिछले अभियानों की जानकारी

  • पहले अभियान में 16 मई से 15 जुलाई, 2023 के बीच 21,791 ऐसी इकाइयां पाई गईं जो अस्तित्व में नहीं थीं।
  • पिछले साल के पहले विशेष अभियान में 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध कर चोरी का पता चला था।

डेटा असंगति के मुद्दे

जीएसटी प्रणाली में बेमेल आंकड़ों की समस्या है, जिसके कारण पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में कर अधिकारियों द्वारा 1,12,852 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।

भविष्य की प्रौद्योगिकी परिवर्तन

शशांक प्रिय ने बताया कि भविष्य में जब जीएसटीआर-1ए और इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम (IMS) स्थिर हो जाएंगे, तब जीएसटीआर-3बी को संपादित करने की आवश्यकता नहीं होगी। जीएसटीआर-1ए करदाताओं को बाहरी आपूर्ति या बिक्री रिटर्न फॉर्म (जीएसटीआर-1) में संशोधन करने का विकल्प देता है, जबकि जीएसटीआर-3बी का उपयोग मासिक करों के भुगतान के लिए किया जाता है।

इसके अलावा, जीएसटीएन एक अक्टूबर से IMS शुरू करेगा, जो करदाताओं को सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त करने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जारी किए गए रिकॉर्ड/बिल का मिलान करने की सुविधा प्रदान करेगा। IMS करदाताओं को अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ बिल में सुधार/संशोधन करने की भी अनुमति देगा।


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Content Writer

jyoti choudhary

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