Amazon और Flipkart पर ईडी की कार्रवाई, 19 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी, जानें पूरा मामला
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 01:03 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon-Flipkart) विदेशी निवेश से जुड़े नियमों के कथित उल्लंघन के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में आ गई हैं। इस मामले में FEMA नियमों के उल्लंघन के संदर्भ में ईडी ने इन कंपनियों से जुड़े 19 से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है।
टॉप अधिकारियों की हो सकती है पूछताछ
सूत्रों के अनुसार, ईडी इस मामले में अमेजन और फ्लिपकार्ट के टॉप अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन के आरोपों की प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने की संभावना बढ़ गई है।
पूरा मामला क्या है?
सूत्रों का कहना है कि ईडी का यह कदम विदेशी निवेश नियमों का पालन न करने और FEMA नियमों के उल्लंघन के संदेह के आधार पर लिया गया है। इस संबंध में ईडी ने कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है, जिससे इस मामले पर सख्त कार्रवाई की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं।
दिल्ली-मुंबई समेत 19 ठिकानों पर तलाशी
रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और पंचकूला (हरियाणा) में अमेजन और फ्लिपकार्ट के विक्रेताओं से जुड़े 19 से अधिक ठिकानों पर ईडी द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के बाद ये बात सामने आई है। मामला संज्ञान में आने के बाद एजेंसी ने अनियमितताओं के सबूत जुटाने के उद्देश्य से FEMA नियमों के तहत ये तलाशी अभियान चलाया था।
नियमों के उल्लंघन का आरोप
ED की जांच कई तरह की शिकायतों के आने के बाद देखने को मिली है। इनमें आरोप लगाया गया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनिंदा वेंडर्स को फायदा पहुंचाकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। दोनों कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने वालों का तर्क है कि इस तरह ये ये E-Commerce प्लेटफॉर्म पर अन्य वेंडर्स को समान अवसर नहीं दे रही हैं, जो कि भारत में FEMA के दिशा-निर्देशों के विपरीत है।
लगातार मिल रही थीं ऐसी शिकायतें
सूत्रों की मानें तो ईडी द्वारा तलाशी अभियान चलाए जाने और प्रारंभिक जांच के दौरान मिले सबूतों को इकठ्ठा करने के बाद दोनों कंपनियों के टॉप अधिकारियों (Top Executives Of Amazon-Flipkart) को तलब करने की संभावना काफी बढ़ गई है। बीते कुछ सालों में पिछले कुछ वर्षों में घरेलू व्यापारियों और व्यापारिक संगठनों द्वारा अक्सर ये आरोप लगाए गए हैं कि विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (E-Commerce Platform) अपने कुछ खास विक्रेताओं के पक्ष में बाजार में हेरफेर करते हैं, जिससे छोटे विक्रेताओं को समान अवसर नहीं मिल पाते हैं।