राजमार्गों पर शराब प्रतिबंध के बाद GST से होटल उद्योग प्रभावित

punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2017 - 11:44 AM (IST)

मुम्बई: जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के एक महीने बाद होटल वालों ने शनिवार को शिकायत की कि इसके कारण एम.आई.सी.ई. खंड यानी सम्मेलन, प्रदर्शनी, बैठक आदि को झटका लगा है। इससे पहले राजमार्गों पर शराब को प्रतिबंधित करने से भी उनका कारोबार प्रभावित हुआ था। होटल एंड रैस्टोरैंट एसोसिएशन ऑफ  इंडिया (एच.आर.ए.डब्ल्यू.आई.) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बैठक, सम्मेलन आदि के कार्यक्रम जो पहले से बुक थे, उन्हें बड़े पैमाने पर रद्द कराया गया है और गृह राज्य के बाहर होटलों द्वारा चलाई जाने वाली एम.आई.सी.ई. गतिविधियों पर जी.एस.टी. के तहत इनपुट कर का लाभ नहीं मिलता है।

बुकिंग में पिछले साल की तुलना में आई गिरावट 
एच.आर.ए.डब्ल्यू.आई. के अध्यक्ष दिलीप दतवानी ने अफसोस व्यक्त किया कि देश भर के होटलों में एम.आई.सी.ई. बुकिंग में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है। यहां तक कि अग्रिम बुकिंग को रद्द किया जा रहा है और नई बुकिंग मिल नहीं रही। उन्होंने कहा कि होटल उद्योग राजमार्गों पर शराब प्रतिबंध के कारण पहले से ही परेशान था और अब जी.एस.टी. लागू होने के बाद हम पर दोहरी मार पड़ी है।

जी.एस.टी. की उच्च दरों से होटल उद्योग पर ज्यादा असर नहीं
दतवानी ने कहा कि जी.एस.टी. की उच्च दरों से होटल उद्योग पर ज्यादा असर नहीं होगा, अगर उन्हें अपने राज्य से बाहर भी इनपुट क्रैडिट का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से इस शर्त को हटाने और वास्तविक लेन-देन के आधार पर कर लगाने की सिफारिश करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय आवास खंड के लिए इनपुट टैक्स क्लाऊज की समीक्षा की अपील करते हैं।


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