GST: धीमा हुई कार निर्यात की रफ्तार, कंपनियों के आंकड़ों में गिरावट

punjabkesari.in Friday, Sep 29, 2017 - 11:50 AM (IST)

नई दिल्लीः भारत में विनिर्मित कारों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 16 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन इस साल अब तक उसकी रफ्तार काफी सुस्त दिख रही है। इस साल अप्रैल से अगस्त की अवधि में भारतीय कारों के निर्यात में महज 2.62 फीसदी की वृिद्ध दर्ज की गई है। हुंडई और निसान जैसी प्रमुख कार निर्यात कंपनियों के आंकड़ों में गिरावट के कारण देश से कारों का निर्यात प्रभावित हुआ। इन दोनों कंपनियों के लदान में दो अंकों की गिरावट दिख रही है। इस साल अप्रैल से जुलाई की अवधि में वाहनों के निर्यात में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

हालांकि अगस्त में 25 फीसदी तेज गिरावट से वृद्धि दर निचले एक अंक तक लुढ़क गया। फोर्ड, हुंडई, फोक्सवैगन और निसान जैसी लगभग सभी प्रमुख कंपनियों ने पिछले महीने दो अंकों में गिरावट दर्ज की। हाल में हुंडई को पछाड़कर कार निर्यात करने वाली सबसे बड़ी कंपनी का तमगा हासिल करने वाली फोर्ड का निर्यात भी पिछले महीने 55 फीवसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 7,963 वाहन रह गया। कोरिया की प्रमुख कार कंपनी हुंडई का निर्यात पिछले महीने 22 फीसदी की गिरावट के साथ 12,802 वाहन रहा। हुंडई घरेलू बाजार की इस दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी ने कहा है कि क्षमता किल्लत के कारण घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उसने निर्यात में कमी की है।

अप्रैल से अगस्त की अवधि में हुंडई की निर्यात में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हुंडई की ही तरह निसान भी निर्यात बिक्री में गिरावट से जूझ रही है। अगस्त में निसान ने 24 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की जबकि अप्रैल से अगस्त के दौरान कंपनी की बिक्री 31 फीसदी घटकर 25,809 वाहन रह गई। फोक्सवैगन ने निर्यात में गिरावट के मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अगस्त में कंपनी के वाहनों की बिक्री 14 फीसदी घटकर 6,469 वाहन रह गई। भारतीय बाजार में कारोबार करने वाली तमाम वैश्विक कार कंपनियों के लिए निर्यात राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। इनमें से कई कंपनियां (फोर्ड, फोक्सवैगन और निसान) का निर्यात आंकड़ा घरेलू बाजार के बिक्री आंकड़े से भी अधिक है।


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