आयातित चने से मिलेगी राहत, नवंबर में दाम नीचे आने की संभावना

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 02:44 PM (IST)

नई दिल्‍लीः दालों की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी से लेकर सरकार की तक की नींद उड़ा रख दी है। पिछले एक साल में चने के दामों में 100 फीसदी से भी अधिक की बढ़ौतरी हो चुकी है। सटोरियों के हावी होने के डर से सरकार को वायदा कारोबार भी बंद करना पड़ा। हालांकि, इससे भी ज्‍यादा राहत नहीं मिल पाई है। ऐसे में अब सिर्फ आयातित चने के देश में आने के बाद ही राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। एक्‍सपर्ट उम्‍मीद जता रहे हैं कि चने के दाम फिर से पिछले साल के स्‍तर पर ही आ जाएं।

 

इस बार दाम बढ़ने का सबसे बड़ा कारण देश में चने का प्रोडक्‍शन कम होने को माना जा रहा है। भारत दुनिया में सबसे अधिक चना उत्‍पादन करने वाला देश देश है। इसके बाद ऑस्‍ट्रेलिया और कनाडा में चना बड़ी मात्रा में पैदा किया जाता है। इंडियन पल्‍सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (इपगा) के चेयरमैन प्रवीन डोंगरे ने बताया कि कनाडा से इंपोर्ट होने वाला करीब 13 लाख टन चना अगस्‍त और सितंबर में भारत में पहुंच जाएगा लेकिन इससे वास्‍तविक समस्‍या का हल नहीं हो सकता है। इसके लिए ऑस्‍ट्रेलिया से होने वाले इंपोर्ट पर अधिक निर्भर रहा जा सकता है। ऑस्‍ट्रेलिया में चना की फसल नवंबर में आती है। इपगा और अन्‍य संस्‍थाओं ने ऑस्‍ट्रेलिया के साथ अग्रिम करार किया है। इसलिए संभव है कि ऑस्‍ट्रेलिया से होने वाला इंपोर्ट के कंसाइमेंट्स भारत में नवंबर अंत तक पहुंच जाए। ऑस्‍ट्रेलिया में इस बार करीब 30 फीसदी अधिक चना प्रोडक्‍शन की उम्‍मीद है। 


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