अगले साल इस्पात क्षेत्र के प्रोत्साहन पर सरकार का खास ध्यान रहने की संभावना

punjabkesari.in Saturday, Dec 24, 2022 - 03:52 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में इस्पात का उत्पादन बढ़ने के साथ ही सरकार का ध्यान वर्ष 2023 में कच्चे माल की आपूर्ति और विशेष किस्म के इस्पात का उत्पादन बढ़ाने पर खास तौर पर रह सकता है। भारत ने जनवरी-नवंबर 2022 की अवधि में 11.34 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया, जो सालाना आधार पर 10 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य कच्चे इस्पात की उत्पादन क्षमता को 15 करोड़ टन के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने तक पहुंचाना है। 

इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि वर्ष 2023 में इस्पात क्षेत्र के लिए और पहल की जाएंगी। सरकार ने पिछले साल उच्च गुणवत्ता वाले अयस्क का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशिष्ट श्रेणी वाले इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की थी। बिजली, पोत परिवहन, रेलवे और ऑटो सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष श्रेणी के इस्पात का इस्तेमाल किया जाता है। इस इस्पात की मांग को आयात के जरिए पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ''हमारा ध्यान नए बाजारों को खोजने के अलावा उद्योग को समर्थन देने के उपाय करने पर भी होगा, क्योंकि देश में इस्पात का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।'' 

इस्पात उत्पादन के लिए कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सरकार का मुख्य जोर होगा, क्योंकि देश कोकिंग कोल जैसे अधिकांश कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है। कुलस्ते ने कहा कि भारत कोकिंग कोल के लिए आयात पर निर्भर है, जबकि अन्य खनिज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इन कदमों से देश आत्मनिर्भर बनेगा और साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सरकार ने 2022 में इस्पात वस्तुओं पर निर्यात शुल्क को खत्म करके और लोहे तथा इस्पात के लिए निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना (आरओडीटीईपी) के तहत निर्यात लाभों को बढ़ाकर प्रोत्साहन दिया। 

भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के महासचिव आलोक सहाय ने कहा कि इस्पात का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2022 में सालाना आधार पर लगभग 55 प्रतिशत गिर गया था लेकिन इसमें आगे धीमी गति से सुधार होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू इस्पात उद्योग के लिए बढ़ता आयात चिंता का विषय बन गया है। टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने वर्ष 2022 को इस्पात उद्योग के लिए उथल-पुथल भरा साल बताते हुए कहा कि यूक्रेन में जंग छिड़ने से कोविड के बाद हो रहे पुनरुद्धार पर असर पड़ा और आपूर्ति से जुड़ी अड़चनें भी खड़ी हो गईं। हालांकि उन्होंने वर्ष 2023 में हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई। 

जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं समूह मु्ख्य वित्तीय अधिकारी शेषगिरि राव ने कहा कि इस साल वैश्विक मांग में भारी गिरावट के साथ कच्चे माल और इस्पात की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक विमलेंद्र झा ने कहा कि 2023 में इस्पात की मांग आठ फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने एक बयान में कहा कि हाल ही में निर्यात शुल्क को हटाना से घरेलू इस्पात उद्योग को बढ़त मिलेगी।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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