China पर मेहरबान हो सकती है सरकार, कंपनियों के निवेश को मंजूरी पर हो रहा विचार

punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 03:45 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः गलवान घाटी की घटना के बाद से भारत और चीन के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है और कई चीनी कंपनियों को भारत से निकाल दिया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत में चीनी कंपनियों के निवेश पर पाबंदी भी लगाई गई थी। हालांकि, अब भारत सरकार चीन पर मेहरबानी दिखने पर विचार कर रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार चीन की कुछ कंपनियों के निवेश को मंजूरी देने पर विचार कर रही है, ये मुख्य तौर पर सोलर मॉड्यूल्स और क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर में काम करने वाली कंपनियां हैं।

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तकनीकी योग्यता

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सोलर मॉड्यूल्स (solar modules) और क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर में चीनी कंपनियों के निवेश की संभावना पर चर्चा की है। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और बातचीत प्राइवेट रूप से चल रही है।

संबंधित क्षेत्रों पर फोकस

क्रिटिकल मिनरल्स में लीथियम बैटरी भी शामिल है। बजट में बैटरी और सोलर मॉड्यूल्स पर सीमा शुल्क घटा दिया गया है, जो ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा परिवर्तन और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। सोलर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) पर सरकार का बड़ा फोकस है।

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निवेश आकर्षित करने की जरूरत

आर्थिक सर्वे 2023-24 के अनुसार, भारत को अधिक निवेश आकर्षित करने की आवश्यकता है। इसी कारण सरकार चीनी कंपनियों के निवेश को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। रॉयटर्स की भी एक खबर में सरकार के चीन पर मेहरबानी दिखाने की संभावना को लेकर चर्चा की गई है। बजट में एंजल टैक्स को खत्म करने और विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को 40 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी करने जैसे प्रावधान किए गए हैं।

क्या होता है एंजल टैक्स?

अगर कोई स्टार्टअप विदेश से कोई निवेश हासिल करता है तो उस निवेश को अन्य माध्यम से आय मानते हुए उस पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगता था, जिसे एंजल टैक्स कहा जाता था। सरकार ने साल 2012 में एंजल टैक्स को लागू किया था।


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Content Writer

jyoti choudhary

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