सरकार ने कैब कंपनियों पर लगाई लगाम, अब नहीं वसूल पाएंगी ज्यादा किराया

punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 12:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार ने शुक्रवार को ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों के ऊपर मांग बढ़ने पर किराए बढ़ाने की एक सीमा लगा दी है। अब ये कंपनियां मूल किराए के डेढ़ गुना से अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगी। सरकार का यह कदम अहम हो जाता है, क्योंकि लोग कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों के अधिकतम किराए पर लगाम लगाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। 

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा शुक्रवार को जारी मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 के अनुसार, ‘‘एग्रीगेटर कंपनियों को मूल किराए के 50 प्रतिशत तक न्यूनतम किराए और डेढ़ गुने तक अधिकतम किराए वसूलने की मंजूरी दी जाती है।'' मंत्रालय ने कहा कि यह संसाधनों के इस्तेमाल को सुलभ करेगा और बढ़ावा देगा, जो कि परिवहन एग्रीगेशन के सिद्धांत का मूल है। यह गतिशील किराए के सिद्धांत को प्रमाणिक बनाएगा, जो मांग व आपूर्ति के अनुसार संसाधनों का इस्तेमाल सुनिश्चित करने में प्रासंगिक है। 

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किराए का 80% ड्राइवर को मिलेगा
नई दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सवारी (राइड) पर लागू किराए का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एग्रीगेटर के साथ जुड़े वाहन के चालक को मिलेगा। शेष हिस्सा एग्रीगेटर कंपनियां रख सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में शहरी टैक्सी का किराया राज्य सरकार ने निर्धारित नहीं किया है, वहां किराया विनियमन के लिए 25-30 रुपए को मूल किराया माना जाएगा। राज्य सरकारें एग्रीगेटर द्वारा जोड़े गए अन्य वाहनों के लिए इसी तरह से किराया निर्धारित कर सकती हैं।  

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jyoti choudhary

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