अब तेल की जगह सोने की कीमत बन गई है वैश्विक अनिश्चितता का नया बैरोमीटरः RBI गवर्नर

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 01:48 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि शायद सोने की कीमत वैश्विक अनिश्चितताओं को दर्शाने वाले एक नए बैरोमीटर के रूप में काम कर रही है जबकि पहले कच्चा तेल ऐसा करता था। मल्होत्रा ने वर्तमान में लगभग हर देश के वित्तीय रूप से 'काफी तनावग्रस्त' होने का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा व्यापार नीति का माहौल कुछ अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने निवेशकों को सजग करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा सकती है। 

आरबीआई ने बुधवार को तटस्थ मौद्रिक नीति रुख के साथ रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने की घोषणा की। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनुमान से कहीं अधिक जुझारू रही है, लेकिन भविष्य अब भी धुंधला नजर आ रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में कहा, "भू-राजनीतिक तनावों की वजह से पिछले दशक में तेल की कीमतें आसमान छू सकती थीं लेकिन इन तनावों के बावजूद वर्तमान में तेल की कीमतें बहुत सीमित दायरे में रही हैं। यह न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेल की अहमियत कम होने के कारण हो सकता है।" 

उन्होंने कहा, "शायद अब सोने की कीमतें उसी तरह की चाल दिखा रही हैं जैसा पहले तेल दिखाया करता था। और यह वैश्विक अनिश्चितताओं का संकेतक बन रही हैं।" मल्होत्रा ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों पर अपने विचार साझा करने के साथ उन्होंने सतर्क करने के अंदाज में कहा कि शेयर बाजार में निवेशक भी कुछ ज्यादा उत्साह में लग रहे हैं। 

वैश्विक शेयर बाजारों में अधिकांश तेजी का नेतृत्व प्रौद्योगिकी शेयरों द्वारा किए जाने की पृष्ठभूमि में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निकट भविष्य में एक सुधार हो सकता है। शुक्रवार को हाजिर सोना बढ़कर 3,867 डॉलर प्रति औंस हो गया और लगातार सातवें हफ्ते में बढ़त पर है। बृहस्पतिवार को पीली धातु की कीमतें 3,896.9 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर से गिरकर 3,856.6 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थीं।


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Content Writer

jyoti choudhary

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