Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को झटका, बंद करने की तैयारी में सरकार
punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2024 - 03:02 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए बड़ी अहम खबर सामने आई है। इस खबर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम में निवेश करने वाले निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, सरकार इस स्कीम को बंद करने पर विचार कर रही है। हालांकि, अभी इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
सरकार को महंगी लग रही ये स्कीम
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को डिसकंटीन्यू कर सकती है। रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार इस स्कीम को महंगा और जटिल मान रही है। इसी कारण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बंद करने पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह स्कीम 10 साल भी पूरा नहीं कर पाएगी।
SGB के निवेशकों के पैसे हो रहे हैं डबल
केंद्र सरकार ने सोने के आयात पर लगाम लगाने के लिए साल 2015 के अंत में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इस स्कीम से निवेशकों को काफी फायदा हो रहा था और उनके लिए यह पैसे को डबल करने वाला निवेश साबित हो रहा था। साथ ही टैक्स से मिलने वाली छूट इस स्कीम को निवेशकों के लिए काफी आकर्षक बना रही थी।
SGB के निवेशकों को मिलते हैं ये फायदे
दरअसल सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को एक साथ कई फायदे मिलते हैं। सबसे पहले तो मार्केट में आ रही तेजी के हिसाब से उनके निवेश की वैल्यू बढ़ती है। उसके अलावा निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी के ब्याज से कमाई होती है। गोल्ड बॉन्ड मैच्योर होने के बाद निवेशकों के हाथों में जो पैसे आते हैं, उस रकम पर टैक्स से पूरी तरह छूट मिलती है। निवेशकों को ऑनलाइन बॉन्ड खरीदने पर 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट भी मिलती है।
फिजिकल गोल्ड के झंझटों से छुटकारा
उनके अलावा गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को फिजिकल गोल्ड के निवेश पर होने वाले कई नुकसान की चिंता नहीं होती है। फिजिकल गोल्ड खरीदने वालों को सबसे ज्यादा दिक्कत प्योरिटी को लेकर होती है, जिसके चलते वैल्यू में गिरावट आती है। एसजीबी में इस तरह की चिंता नहीं रहती है। फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखना भी अलग समस्या है, जो एसजीबी के साथ नहीं है। एसजीबी में मेकिंग चार्ज आदि का भी कोई झंझट नहीं है। साथ ही एसजीबी में निवेशकों को ज्यादा लिक्विडिटी का फायदा मिलता है, क्योंकि इन्हें शेयरों की तरह बाजार में कभी भी खरीदा-बेचा जा सकता है।