सेमीकंडक्टर कारोबार में उतरेगा अडानी ग्रुप! क्वालकॉम के CEO से मिले गौतम अडानी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 10:53 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टिआनो आर अमॉन (Cristiano R Amon) से मुलाकात की है। गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट के जरिए सोमवार को इस मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्वालकॉम (Qualcomm) के सीईओ से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), उभरती हुई टेक्नोलॉजी और भारत में सेमीकंडक्टर्स को लेकर अमेरिकी कंपनी का विजन मुझे प्रभावित कर गया है।

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में उतर सकता है अडानी ग्रुप

गौतम अडानी की क्वालकॉम के सीईओ से इस मुलाकात के बाद अडानी ग्रुप के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में उतरने की संभावना प्रबल हो गई है। अडानी ग्रुप के सीईओ ने लिखा कि क्वालकॉम के सीईओ से मुलाकात शानदार रही। वह भारत को लेकर शानदार सोच रखते हैं। अमेरिका की चिप मेकर कंपनी क्वालकॉम दुनिया के अलग-अलग बाजारों को लेकर स्पष्ट नीति रखती है।

माइक्रोन टेक्नोलॉजी का प्लांट इसी साल होगा शुरू 

भारत ने देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए हैं। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी (Micron Technology) का सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के साणंद में बन रहा है। इस प्लांट में असेंबली, टेस्ट, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) की जाएगी। माइक्रोन टेक्नोलॉजी इस प्लांट पर लगभग 22500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। यह देश का पहला हाई एंड सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन प्लांट होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्लांट 2024 के अंत तक काम शुरू कर देगा। यह प्लांट न सिर्फ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए इकोसिस्टम तैयार करेगा बल्कि इससे जुड़े कच्चे माल के उत्पादन को भी बढ़ावा देगा।

टावर और टाटा ग्रुप ने भी दिए हैं प्रस्ताव 

इसके अलावा हाल ही में सरकार को इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर और टाटा ग्रुप से भी प्लांट बनाने के प्रस्ताव मिले थे। सरकार फिलहाल इन दोनों के अलावा कई कंपनियों के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हाल ही में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि माइक्रोन टेक्नोलॉजी के प्लांट पर लगभग 5000 लोग काम कर रहे हैं। भारत सरकार ने तीन और सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने की मंजूरी हाल ही में दी थी। इनमें से 2 गुजरात और एक असम में लगाई जाएगी। सरकार ने इसके लिए लगभग 76 हजार करोड़ रुपए की विशेष योजना तैयार की हुई है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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