विदेशी निवेशकों का ‘भारत में बेचो, चीन से खरीदो’ रुख जारी, भारतीय शेयर बाजारों से निकाली भारी रकम
punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 11:35 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने नवंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 26,533 करोड़ रुपए निकाले हैं। इसका मुख्य कारण कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और घरेलू शेयरों का ऊंचा मूल्यांकन (high valuation) है। इसी वजह से एफपीआई ने चीन के बाजारों का रुख किया है, जहां हाल ही में कई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा हुई है। एफपीआई ने 'भारत में बेचो और चीन में खरीदो' का रुख अपनाया।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस निकासी के बाद 2024 में अब तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से कुल 19,940 करोड़ रुपए निकाले हैं। हालांकि, अक्टूबर में हुई 94,017 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड शुद्ध निकासी की तुलना में यह आंकड़ा कम है। सितंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 57,724 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जो उनके नौ महीनों का उच्चतम स्तर था।
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FPI की बदलती प्राथमिकता
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर विदेशी निवेशकों की चिंता बनी हुई है। इसके विपरीत चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आकर्षक मूल्यांकन और प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है। इससे चीन विदेशी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
भविष्य की स्थिति पर नजर
हिमांशु श्रीवास्तव ने आगे बताया कि एफपीआई का रुख कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों, मुद्रास्फीति, नीतिगत दरों और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां भी निवेशकों के फैसले को प्रभावित कर सकती हैं।
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बॉन्ड बाजार का रुख
नवंबर में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार से 1,110 करोड़ रुपए निकाले हैं, लेकिन स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के तहत 872 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस साल अब तक एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 1.05 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि भारत में कमजोर तिमाही नतीजों और ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए एफपीआई ने 'भारत में बेचो और चीन में खरीदो' का रुख अपनाया। हालांकि, यह प्रवृत्ति अब धीमी हो रही है, क्योंकि अमेरिका और चीन में भी मूल्यांकन ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं।