झारखंड में 5 साल में मत्स्य उत्पादन दोगुना हुआ: कृषि मंत्री

punjabkesari.in Friday, Nov 30, 2018 - 12:12 PM (IST)

रांचीः मत्स्य उत्पादन के मामले में झारखंड, दक्षिण के राज्यों को पीछे छोड़कर आज देश में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। 2013-14 में यहां 1 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ था वहीं 2018- 19 में यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख टन हो गया है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बृहस्पतिवार को खेलगांव में आयोजित अंरराष्ट्रीय कृषि एवं खाद्य शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने भाषण में यह बात कही। सिंह ने कहा कि झारखंड मछली उत्पादन में दक्षिण के राज्यों को पीछे छोड़कर आज देश मत्स्य उत्पादन में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। मत्स्य उत्पादन 2013-14 में 1 लाख टन से बढ़कर 2018- 19 में 2 लाख टन पर पहुंच गया। वहीं, मत्स्य बीज उत्पादन में 181 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 2013-14 में मत्स्य बीज उत्पादन 100 करोड़ था, जो 2018-19 में बढ़कर 1060 करोड़ हो गया। 

सिंह ने कहा, ''आज यह देख कर खुशी हो रही है कि झारखण्ड को पहली बार कोई ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो पूरी प्रतिबद्धता से गांव के विकास, गरीबों का सशक्तिकरण, किसानों की उन्नति के बारे सोचता है और उस निमित्त कार्य को अंजाम देता है। यह राज्य के किसानों का अपने मुख्यमंत्री के प्रति विश्वास का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में झारखण्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है।'' 

उन्होंने कहा कि आज धान की लागत कम और फायदा ज्यादा है क्योंकि सरकार ने 2013-14 में लागू सरकारी खरीद का मूल्य 961 रुपए से बढ़ा कर 2018-19 में 1750 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। कृषि मंत्री ने कहा कि झारखण्ड लगातार सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है लेकिन दुग्ध उत्पादन में किसान ध्यान नहीं दे रहें हैं। किसान भारत की मेरुदंड पशुधन को मजबूत करें। सरकार देशी नस्ल के संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है। हजार कृत्रिम गर्भधारण केंद्र की स्थापना की गई है।  


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jyoti choudhary

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