वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा के लक्ष्य से अधिक रहने की आशंकाः गोल्डमैन

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2018 - 04:50 PM (IST)

नई दिल्लीः बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य उम्मीद के अनुरूप है लेकिन जबतक आर्थिक कारोबार का तेजी से पंजीकरण नहीं होता, 2018-19 में इसके अनुमान से थोड़ा अधिक रहने की आशंका है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन साक्श ने यह बात कही है।

गोल्डमैन साक्श के अनुसार बजट में घाटे का लक्ष्य उम्मीद के मुताबिक है, पिछले साल जुलाई से लागू जीएसटी के संदर्भ में राजस्व वृद्धि भी उत्साहजनक है। उसने एक शोध रिपोर्ट में कहा, ‘‘राजस्व में जरूरी वृद्धि के लिये जबतक आर्थिक गतिविधियों का आने वाले वर्ष में तेजी से पंजीकरण नहीं होता है, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे के बजट अनुमान से 0.2 प्रतिशत ऊपर जाने का जोखिम है।’’ सरकार ने बजट 2018-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए संशोधित अनुमान में यह 3.5 प्रतिशत कर दिया गया जो है जबकि बजट में इसे 3.2 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य था।

रिपोर्ट के मुताबिक यह कुल मिला कर राजकोषीय सुदृढ़ीकरण का संकेत है, हालांकि यह राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफ.आर.बी.एम.) के लक्ष्यों के मुकाबले धीमी गति से चल रहा है। गोल्डमैन साक्श ने यह भी कहा कि अगर राजस्व बजटीय अनुमान से कम भी रहता है तो भी 2019 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए वृद्धि को गति देने के लिए सरकार द्वारा अगले साल खर्च में कटौती की संभावना कम है। इसके अलावा तेल की ऊंची कीमत से भी राजकोषीय घाटे पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।      
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News