सरकार ने कहा- हस्तक्षेप के बाद अक्टूबर, 2021 से खाद्य तेल की कीमतों में आई गिरावट

Wednesday, Jan 12, 2022 - 10:56 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र ने मंगलवार को कहा कि देशभर में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें वैश्विक बाजार के अनुरूप एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में ऊंची हैं लेकिन अक्टूबर, 2021 के बाद से इनमें गिरावट का रुझान है। 167 मूल्य संग्रह केंद्रों के रुझान के अनुसार, देशभर के प्रमुख खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 5-20 रुपए प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट आई है।

तेल की खुदरा कीमतें
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को मूंगफली तेल का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 180 रुपए प्रति किलो, सरसों तेल का 184.59 रुपए प्रति किलो, सोया तेल का 148.85 रुपए प्रति किलो, सूरजमुखी तेल का 162.4 रुपए प्रति किलो और पाम तेल का 128.5 रुपए प्रति किलो था।

खाद्य तेल कंपनियों ने की 20 रुपए तक की कटौती 
आंकड़ों में दर्शाया गया है कि एक अक्टूबर, 2021 को प्रचलित कीमतों की तुलना में, मूंगफली और सरसों के तेल की खुदरा कीमतों में 1.50-3 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है, जबकि सोया और सूरजमुखी के तेल की कीमतें अब 7-8 रुपए प्रति किलोग्राम नीचे आ चुकी हैं। मंत्रालय के मुताबिक, अडाणी विल्मर और रुचि इंडस्ट्रीज समेत प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 15-20 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है।

जिन अन्य कंपनियों ने खाद्य तेलों की कीमतों में कमी की है, वे हैं जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया, हैदराबाद, मोदी नैचुरल्स, दिल्ली, गोकुल री-फॉयल एंड सॉल्वेंट, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो रिसोर्सेज और एन के प्रोटीन्स।

उसने कहा है, ‘‘अंतरराष्ट्रीय जिंस की कीमतें अधिक होने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी में साथ हस्तक्षेप से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई है। खाद्य तेल की कीमतें एक साल पहले की अवधि की तुलना में अधिक हैं लेकिन अक्टूबर से ये नीचे आ रही हैं।’’ इसमें कहा गया है कि आयात शुल्क में कमी और जमाखोरी पर अंकुश को स्टॉक की सीमा लगाने जैसे अन्य कदमों से सभी खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिली है और उपभोक्ताओं को राहत मिली है।

खाद्य तेलों की घरेलू कीमतें ऐसे होती हैं तय 
भारत खाद्य तेलों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है क्योंकि इसका घरेलू उत्पादन इसकी घरेलू मांग को पूरा करने में असमर्थ है। देश में खाद्य तेलों की खपत का लगभग 56-60 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक उत्पादन में कमी और निर्यातक देशों द्वारा निर्यात कर/लेवी में वृद्धि के कारण खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें दबाव में हैं। इसलिए खाद्य तेलों की घरेलू कीमतें आयातित तेलों की कीमतों से तय होती हैं।

jyoti choudhary

Advertising

Related News

सितंबर में कच्चे तेल की कीमतों में 10% की गिरावट, भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर

Gold-Silver खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर, कीमतों में आई गिरावट

त्योहारी सीजन में सता सकती है खाद्य तेल के दाम की महंगाई, सरकार ने लिया यह फैसला

Veg Non Veg Thali: अगस्त में वेज थाली की कीमत घटी, नॉन वेज थाली के दाम में भी आई तेज गिरावट

खाने के तेल पर सरकार ने दिए कड़े निर्देश, MRP में ना करें इजाफा

खुशखबरी! सरकार का बड़ा ऐलान, तेल कंपनियों को दी बड़ी राहत

Stock Market Crash: निवेशकों के डूबे 4.46 लाख करोड़, इस कारण आई बाजार में गिरावट

Crude Oil की कीमतों में गिरावट से वैश्विक मंदी की आहट! मॉर्गन स्टेनली ने कहा- भारत के लिए चिंता का विषय

Gold Silver Price Today: सोने-चांदी की कीमतों में आई तेजी, जानें आज क्या है भाव

Onion Price: महंगे प्याज के लिए रहें तैयार, कीमतों में आई तेजी, 100 के पार जाएगा भाव