त्योहारी सीजन में काबू में रहेंगे दाम! खाने के तेल पर सरकार ने दिए कड़े निर्देश
punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2024 - 01:53 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः सरकार ने हाल ही में खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है लेकिन इसके बावजूद खाद्य तेल प्रोसेसर्स को रिटेल प्राइस बढ़ाने से रोकने की सलाह दी है। इसका कारण यह है कि कम शुल्क पर आयातित खाद्य तेलों का पर्याप्त स्टॉक अभी भी उपलब्ध है।
ड्यूटी बढ़ाई गई
- 14 सितंबर 2024 से कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20% कर दी गई है। इससे कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 27.5% हो गया है।
- रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 32.5% कर दिया गया है, जिससे रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 35.75% हो गया है।
यह भी पढ़ेंः अनिल अंबानी की इस कंपनी का शेयर 8% उछला, टूट पड़े निवेशक
स्टॉक की स्थिति
- खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने खाद्य तेल संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की और कहा कि कम शुल्क पर आयातित खाद्य तेलों का स्टॉक 45 से 50 दिनों की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त है।
- वर्तमान में कम शुल्क पर आयातित खाद्य तेलों का लगभग 30 लाख टन स्टॉक उपलब्ध है।
यह भी पढ़ेंः Tomato Prices: बढ़ सकते हैं टमाटर के दाम, फसल में कीट और रोग ने बढ़ाई समस्या
प्राइस मेंटेनेंस निर्देश
- खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल प्रोसेसर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने उत्पादों के एमआरपी (मैक्सीमम रिटेल प्राइस) को बढ़ाने से बचें, जबकि कम शुल्क पर आयातित स्टॉक उपलब्ध है।
- यह कदम घरेलू तिलहन किसानों को समर्थन देने के लिए उठाया गया है, खासकर अक्टूबर 2024 में आने वाली नई फसलों के मद्देनजर।
बैठक और सुझाव
- खाद्य सचिव ने सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए), इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) और सोयाबीन ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एसओपीए) के साथ मूल्य निर्धारण पर चर्चा की।
- इस निर्णय से खाद्य तेल की कीमतों पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और घरेलू तिलहन किसानों को उचित समर्थन मिलेगा।