अर्थशास्त्रियों का है मानना, अमेरिका में 2020 या 2021 में आ सकती है मंदी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2019 - 01:20 PM (IST)

वॉशिंगटनः ज्यादातर अर्थशास्त्री अगले दो साल में अमेरिका में मंदी आने की आशंका जता रहे हैं लेकिन फेड रिजर्व की तरफ से उठाए गए कदमों के बीच इन आशंकाओं को खारिज भी कर दिया गया है। यह बात सोमवार को जारी उस सर्वेक्षण के नतीजों से निकली है जो पिछले हफ्ते कई रिपोर्ट्स में अर्थव्यवस्था की मिली-जुली तस्वीर सामने आने के बाद मंदी की आशंकाओं को प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से खारिज किए जाने पर कराया गया था। 

ट्रंप ने रविवार को कहा था, 'मैं हर चीज के लिए तैयार हूं। हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। हमारे उपभोक्ता अमीर हैं। मैंने टैक्स में बड़ी कटौती की है। उपभोक्ताओं की जेबें पैसों से ठुसी हैं। वे खरीदारी कर रहे हैं। मैंने वॉलमार्ट के आंकड़े देखे थे। वे आसमान छू रहे थे। ज्यादातर अर्थशास्त्री असल में यह कह रहे हैं कि हमारे यहां मंदी नहीं आएगी, लेकिन बाहर की दुनिया की स्थिति हमारे जैसी अच्छी नहीं है।' 

डॉनल्ड ट्रंप के मुख्य आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने भी मंदी की आशंकाओं को खारिज किया है। उन्होंने NBC के मीट द प्रेस प्रोग्राम में कहा, 'मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मंदी नहीं आएगी। कन्ज्यूमर्स ऊंची सैलरी पा रहे हैं। वे तेजी से खर्च कर रहे हैं। असल में वे बचत भी कर रहे हैं और खर्च भी। इसलिए मेरे हिसाब से असल में 2019 की दूसरी छमाही आर्थिक वृद्धि दर काफी अच्छी रह सकती है। हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। हमें उम्मीदें पालने से डरने की जरूरत नहीं है।' 

अमेरिका के नैशनल असोसिएशन फॉर बिजनस इकनॉमिस्ट्स (NABE) के मुताबिक, फरवरी के मुकाबले बहुत कम एक्सपर्ट्स ऐसे हैं जिन्हें अगली मंदी इसी साल शुरू होने का डर सता रहा है। 31 जुलाई को बेंचमार्क लेंडिंग रेट में कटौती होने से पहले तक प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप की तरफ से ज्यादा राहत की मांग के साथ फेड रिजर्व की लगातार हो रही कड़ी आलोचनाओें के बीच सरकार की नीतियों को लेकर NABE ने एक सर्वेक्षण कराया था। 

अमेरिकी फेड रिजर्व पहले ही इस बात के संकेत दे रहा था कि वह 2018 में किए गए रेट हाइक को चीन के साथ चल रहे ट्रेड वॉर सहित अमेरिका को लेकर बने आर्थिक परिदृश्य से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए वापस ले सकता है। NABE के प्रेजिडेंट और KPMG के मुख्य अर्थशास्त्री कॉन्स्टैंस हंटर ने कहा, 'सर्वे में शामिल एक्सपर्ट्स ने संकेत दिया कि मौद्रिक नीतियों में बदलाव के चलते आर्थिक वृद्ध दर ऊंची आगे भी बनी रह सकती है।' 

NABE के मुताबिक, उसके सर्वेक्षण में शामिल 226 लोगों में से सिर्फ दो फीसदी एक्सपर्ट्स ने मंदी इसी साल आने की चिंता जताई जबकि फरवरी में हुए सर्वेक्षण में 10% लोगों ने यह आशंका जताई थी। हंटर ने सर्वेक्षण पर जारी सारांश में लिखा है कि लेकिन क्या मंदी 2020 या 2021 में आएगी, इस बात को लेकर इकनॉमिक एक्सपर्ट्स बंटे हुए हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक 38% एक्सपर्ट्स अगले साल ग्रोथ में कमी आने की आशंका जता रहे हैं जबकि 34% एक्सपर्ट्स उसके अगले साल ऐसी स्थिति बनने का अनुमान लगा रहे हैं।


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jyoti choudhary

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