''ई-कॉमर्स और खुदरा कारोबार के लिए बने समान नीति''

punjabkesari.in Sunday, Sep 04, 2016 - 11:50 AM (IST)

नई दिल्लीः नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा है कि भारतीय उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए देश में ई-कॉमर्स और खुदरा कारोबार के लिए एकसमान नीति होनी चाहिए।  

 

कांत ने कहा है कि दुनिया के किसी भी देश में ई-कॉमर्स और खुदरा कारोबार के लिए अलग-अलग नीति नहीं है। भारत एकमात्र देश है जहां खुदरा बाजार में ऑफलाइन और ऑनलाइन कारोबार के लिए अलग-अलग नीति बनाई गई है। कारोबार की प्रक्रिया आसान बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों कारोबार के लिए एक समान नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को 9 से 10 प्रतिशत की दर से आर्थिक विकास करना चाहिए। इसके लिए कम से कम 12 राज्यों की विकास दर 12 से 13 प्रतिशत होनी चाहिए। 

 

प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना होगा। केन्द्र सरकार कारोबारी माहौल में सुधार का प्रयास कर रही है। उन्होंने हाल में ही एक कार्यक्रम में कहा है कि यह वैश्वीकरण का दौर है और भारत का वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना जरुरी है। इससे भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में सीधे उतरने का मौका मिलेगा और देश में विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक निवेशकों के लिए खोला गया है तथा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रावधानों को उदार बनाया गया है। 

 

सरकार के आर्थिक सुधारों से एफ.डी.आई. आकर्षित करने के मामले में भारत प्रथम स्थान के रुप में उभरा है। इससे भारतीय कंपनियों की अत्याधुनिक तकनीक, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और नवाचारों तक पहुंच बनी है। उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है लेकिन विदेशी उद्योगों के भारत में आने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा बढऩे से उत्पादों और सेवा की गुणवत्ता में इजाफा होगा। इससे भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रवेश करने का मौका मिलेगा।   

 

डिजीटलीकरण का उल्लेख करते हुए कांत ने कहा कि खुदरा कारोबार में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगी। इंटरनैट का प्रसार होने उद्योगों को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। दूरदराज के बाजारों तक पहुंचने के लिए खुदरा कारोबारियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला मजबूत बनानी होगी। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कानून बनने से खुदरा कारोबार को मदद मिलेगी। कर अपेक्षाकृत कम होंगे। हालांकि छूट की परंपरा समाप्त हो जाएगी। 


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