अमेरिका व यूरोप से मांग गिरी, वस्त्र के निर्यात में आई 12% की गिरावट

punjabkesari.in Monday, Jun 19, 2023 - 01:40 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के वस्त्र और परिधान निर्यात में मई के दौरान सालाना आधार पर 12.2 फीसदी की गिरावट आई। इसका प्रमुख कारण यूरोप और अमेरिका के बाजार की मांग में गिरावट आना था। उद्योग के विशेषज्ञों का आकलन है कि कपास के मूल्यों में नरमी और पश्चिम में महंगाई कम होने से जुलाई से गिरावट के रुझान में बदलाव आएगा। मई में वस्त्र और परिधान का संचयी निर्यात 281.639 करोड़ डॉलर था जबकि यह एक साल पहले 320.643 करोड़ डॉलर था।

वस्त्र का निर्यात बीते साल के 179.126 करोड़ डॉलर से 12 फीसदी गिरकर 158.057 करोड़ डॉलर हो गया। इस क्रम में परिधान निर्यात भी मई 2022 के 141.517 करोड़ डॉलर से 13 फीसदी गिरकर इस मई में 123.582 करोड़ डॉलर हो गया।

इस क्रम में दिल्ली स्थित टीटी लिमिटेड के संजय कुमार जैन ने बताया, ‘करीब बीते एक साल से नकारात्मक वृद्धि जारी है। यह प्रमुख तौर पर मांग में गिरावट के कारण आई है। अभी यूरोप महंगाई का सामना कर रहा है। अमेरिका में उच्च ब्याज दर के कारण मूल्य श्रृंखला मुहैया कराने वालों की मांग में गिरावट आई है। मैं इस उद्योग में बीते 24 वर्षों से काम कर रहा हूं लेकिन मैंने मांग में ऐसी निरंतर गिरावट नहीं देखी है। अभी घरेलू मांग भी बहुत कम है। घरेलू और निर्यात के मांग में एक साथ गिरावट आने के कारण वस्त्र और परिधान में गिरावट आई है।’

कंफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) की रिपोर्ट के मुताबिक वस्त्र और परिधान क्षेत्र बीते साल के 672.289 करोड डॉलर की तुलना में 17 फीसदी की संचयी गिरावट के साथ 556.874 करोड़ डॉलर आ गया। पहले दो महीनों में वस्त्र निर्यात में 16.4 फीसदी और परिधान में 18.2 फीसदी की गिरावट आई।

मई में वस्त्र और परिधान के कुल निर्यात में गिरावट आई है। मई, 2022 की तुलना में इस मई में वस्त्र के निर्यात में 8.05 फीसदी और परिधान के निर्यात में 8.22 फीसदी की गिरावट आई है। सूती यॉर्न, फेब, मेड-अप/ हस्तकर्घा उत्पादों के निर्यात में बीते साल के मई के 104.281 करोड़ डॉलर की तुलना में इस साल मई में 12 फीसदी की गिरावट आई है और यह 920.8 करोड़ डॉलर रही। इस दौरान हस्त निर्मित यार्न/ फेब/ मेड अप 6.3 फीसदी की गिरावट के साथ 39.516 करोड़ डॉलर निर्यात हुआ।

घरेलू बाजार में भी निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है। बीते साल की तुलना में इस साल कच्चे सूत और अपशिष्ट आयात में भी गिरावट आई है। इसका मूल्य बीते साल 964.7 लाख डॉलर था और इस साल 40 फीसदी की गिरावट के साथ 580.7 लाख डॉलर हो गया। इसी तरह टेक्सटाइल यार्न फेब्रिक और मेड अप का आयात बीते वित्त वर्ष के 2139.2 लाख डॉलर से 12 फीसदी गिरकर 1883.9 लाख डॉलर हो गया।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News