ड्रोन अटैकः कच्चे तेल ने बिगाड़ा शेयर बाजार का मूड, निवेशकों के डूबे 2.3 लाख करोड़

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 06:26 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सऊदी के तेल प्लांट पर हमले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकवाली की वजह से मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार का मूड एक बार फिर बिगड़ गया। सप्‍ताह के दूसरे कारोबारी दिन सेंसेक्‍स 650 अंकों से अधिक लुढ़क गया जबकि निफ्टी में भी 150 अंकों का नुकसान हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 642 अंक गिरकर 36,481 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में 186 अंक की गिरावट आई और यह 10,817 के स्तर पर बंद हुआ।

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2.30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान
बाजार में गिरावट से मंगलवार को निवेशकों को 2.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। दरअसल, सोमवार को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,42,08,049.05 करोड़ रुपए था, जो मंगलवार को 1,39,75,844.03 करोड़ रुपए हो गया। इस लिहाज से 2,32,205 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

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ऑटो और बैंकिंग सेक्‍टर के शेयर धड़ाम
कारोबार के दौरान ऑटो और बैंकिंग सेक्‍टर के शेयर पस्‍त नजर आए। ऑटो सेक्‍टर की बात करें तो कारोबार के अंत में हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 6.42 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। इसी तरह टाटा मोटर्स और मारुति के शेयर 4 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। बजाज ऑटो और महिंद्रा के शेयर भी लाल निशान पर बंद हुए। वहीं बैंकिंग सेक्‍टर में एक्‍सिस बैंक के शेयर 4 फीसदी से अधिक लुढ़क गए जबकि एसबीआईएन, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और एचडीएफसी के शेयर भी 2 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं टाटा स्‍टील, एलएंडटी, एनटीपीसी और वेदांता के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली।

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क्‍या है गिरावट की वजह
सऊदी अरब के तेल कुंओं पर ड्रोन हमले के बाद सप्लाई में कमी को देखते हुए ब्रेंट क्रूड के दाम में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। इस वजह से वैश्विक सूचकांकों पर भी बिकवाली तेज हो गई है। इन हालातों में घरेलू या वैश्विक निवेशकों में एक डर का माहौल बना हुआ है। वहीं रुपए में भी गिरावट की वजह से निवेशक सहमे हुए हैं। इसके अलावा फेड रिजर्व की बैठक के पहले रेट कट की संभावनाओं को लेकर भी बाजार में निराशा है। 

फेड रिजर्व बैठक
फेड रिजर्व की बैठक के पहले रेट कट की संभावनाओं को लेकर भी बाजार में निराशा है। मार्केट ऐनालिस्ट्स ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं हालांकि ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय बैंक कुछ आंकड़े आने के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लंबे समय से रेट कट की मांग कर रहे हैं।


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jyoti choudhary

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