Experts warning on Silver: क्या ₹3 लाख प्रति किलो तक जाएगी चांदी? एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को किया अलर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 11:57 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः चांदी की कीमतें एक बार फिर रिकॉर्ड स्तरों के करीब पहुंच गई हैं। MCX पर भाव ₹2 लाख प्रति किलो के ऊपर निकलने के बाद बाजार में यह सवाल जोर पकड़ने लगा है कि क्या चांदी अगला बड़ा पड़ाव ₹3 लाख प्रति किलो का छू सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा तेजी पिछली बार जैसी सट्टेबाजी पर आधारित नहीं है, बल्कि इसके पीछे इंडस्ट्रियल डिमांड, ग्रीन एनर्जी सेक्टर का विस्तार और वैश्विक अनिश्चितता जैसे मजबूत कारण हैं। हालांकि, इतनी तेज बढ़त के बाद उतार-चढ़ाव का जोखिम बना हुआ है, इसलिए विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।
हालांकि, इस बार बाजार के जानकारों का कहना है कि मौजूदा तेजी पहले जैसी नहीं है। कीमतों को सट्टेबाजी नहीं, बल्कि मजबूत बुनियादी कारणों का समर्थन मिल रहा है। इंडस्ट्रियल डिमांड, ग्रीन एनर्जी सेक्टर का विस्तार और वैश्विक अनिश्चितता ने चांदी को मजबूती दी है, हालांकि उतार-चढ़ाव का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
इंडस्ट्रियल डिमांड बनी बड़ी वजह
MMTC-PAMP के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO समीत गुहा के मुताबिक, चांदी की मौजूदा तेजी की सबसे बड़ी वजह औद्योगिक मांग है। अब चांदी सिर्फ गहनों तक सीमित नहीं रही है। मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में इसके बढ़ते इस्तेमाल से मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। भारत में भी निवेशक चांदी को एक उपयोगी और निवेश योग्य धातु के तौर पर देखने लगे हैं।
इस बार खरीदारी का पैटर्न बदला
समीत गुहा का कहना है कि पिछली बार कीमतें अनुमान और मुनाफावसूली के भरोसे बढ़ी थीं, जबकि इस बार बाजार में फैक्ट्रियों और निवेशकों—दोनों की ओर से खरीदारी दिख रही है। सीमित सप्लाई और मजबूत मांग के चलते कीमतों में तेजी बनी हुई है।
सोने के बाद चांदी में तेजी, सप्लाई बनी चुनौती
वेंचुरा के हेड ऑफ कमोडिटी एन.एस. रामास्वामी के अनुसार, सोने में तेजी के बाद चांदी में उछाल आया है। चांदी में बड़े निवेशकों की भागीदारी सीमित होती है और उधार देने की सुविधा भी कम है। लंदन में चांदी के स्टॉक घटने से बाजार में सप्लाई का दबाव बढ़ा, जिससे कीमतें ऊपर गईं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अक्टूबर में तेज उछाल के बाद चांदी करीब 11% टूट गई थी, जबकि सोने में भी गिरावट आई थी।
नई तकनीक और ग्रीन एनर्जी से बढ़ी मांग
रामास्वामी के मुताबिक, चांदी की सप्लाई सीमित है और अमेरिका ने इसे ‘क्रिटिकल मिनरल’ की सूची में शामिल किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा सेंटर्स में इसके बढ़ते इस्तेमाल से मांग मजबूत बनी हुई है।
₹3 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है चांदी
रामास्वामी का अनुमान है कि मौजूदा हालात बने रहने पर चांदी $100 प्रति औंस यानी करीब ₹3 लाख प्रति किलो तक जा सकती है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि तेज उछाल के बाद करेक्शन का जोखिम हमेशा बना रहता है। मांग और सप्लाई के संतुलन का स्तर ‘पीक सिल्वर’ का संकेत दे सकता है।
वहीं, समीत गुहा का मानना है कि अगले एक साल तक चांदी की कीमतें स्थिर दायरे में रह सकती हैं। औद्योगिक मांग, निवेशकों की दिलचस्पी और वैश्विक अनिश्चितता कीमतों को सहारा देती रहेंगी।
