GST: 1 करोड़ रु से ज्यादा क्लेम करने वाली कंपनियां आयकर विभाग के रडार पर

punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2017 - 07:17 PM (IST)

नई दिल्ली: जी.एस.टी. के पहले महीने में 95 हजार करोड़ रुपए का टैक्स कलैक्शन जरूर हुआ है लेकिन इसमें से 65 हजार रुपए कंपनियों ने ट्रांजिशन क्रैडिट के तौर पर क्लेम किए हैं। इतनी बड़ी रकम क्लेम किए जाने से इन्कम टैक्स डिपार्टमैंट के कान खड़े हो गए हैं। विभाग अब उन क्रैडिट दावों की जांच करेगा जो 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के हैं।

दरअसल 95 हजार करोड़ रुपए की इस रकम में कंपनियों ने 65 हजार करोड़ रुपए ट्रांजिशनल क्रैडिट के तौर पर क्लेम किए हैं। जी.एस.टी. के तहत कंपनियों को यह सुविधा दी गई है कि वे उन स्टॉक पर ट्रांजिशनल क्रैडिट क्लेम करें जो उन्होंने पिछली टैक्स नीति के तहत खरीदा था। कंपनियों व बिजनैस को यह क्लेम जी.एस.टी. लागू होने के 6 महीने के भीतर करना है। वहीं जी.एस.टी. के क्रियान्वयन के संक्रमण काल के लिए 1करोड़ रुपए से अधिक के क्रैडिट बकाए का दावा करने वाली 162 कंपनियां अब कर प्रशासन की जांच के दायरे में हैं

। कर प्रशासन की जांच के बाद ही तय होगा कि इन कंपनियों के दावे सही हैं या नहीं। इन कंपनियों ने उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्यर्वधत कर (वैट) के तहत 65,000 करोड़ रुपए से अधिक के बकाए का दावा किया था। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) ने भारी-भरकम दावों को देखते हुए मुख्य आयुक्तों को पत्र भेजा था। उसमें बोर्ड ने कहा था कि जी.एस.टी. व्यवस्था की संक्रमण अवधि का बकाया तभी भुगतान किया जाएगा जब यह कानून के तहत मान्य होगा। सी.बी.ई.सी. ने कहा, ‘‘गलती से या गलतफहमी में अयोग्य बकाया दावा किए जाने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है।’’ बोर्ड ने मुख्य आयुक्तों को कहा है कि इन 162 कंपनियों के दावों पर 20 सितम्बर तक एक रिपोर्ट दें। सैंट्रल बोर्ड ऑफ  एक्साइज एंड कस्टम्स (सी.बी.ई.सी.) अप्रत्यक्ष कर के मामलों को देखती है। सी.बी.ई.सी. ने 11 सितम्बर को टैक्स अधिकारियों को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने जी.एस.टी. ट्रांजिशनल क्रैडिट के उन दावों की जांच करने की सिफारिश की है जो 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के हैं। 


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