चांदी की लूट: चीन खींच रहा पूरी दुनिया की सप्लाई, अमेरिका-चीन के बीच हो सकती है Silver War!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 01:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः दुनिया भर में इस वक्त सोने की कीमतें भले ही सुर्खियां बटोर रही हों लेकिन एक और कीमती धातु चांदी (Silver) ने निवेशकों और उद्योगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। चांदी की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है, खासकर सौर ऊर्जा (Solar Energy) और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योगों के कारण।

दुनिया चांदी पर क्यों ‘फिदा’ है

चांदी को सबसे बेहतरीन सुचालक (best conductor) माना जाता है और यही कारण है कि इसका इस्तेमाल सौर पैनलों के फोटोवोल्टिक सेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और मेडिकल उपकरणों में बढ़ता जा रहा है। चीन इस मांग का सबसे बड़ा चालक बन गया है, जो दुनिया के कुल सौर पैनल उत्पादन का 80% हिस्सा रखता है। चांदी की मांग अब 5G नेटवर्क, AI डेटा सेंटर, और बैटरी चालित वाहनों तक फैल गई है। यही वजह है कि चीन पूरी दुनिया से चांदी खींच रहा है।

अमेरिका-चीन में हो सकती है Silver War 

दुनिया में चांदी के सबसे बड़े भंडार पेरू, ऑस्ट्रेलिया और रूस में हैं। अन्य प्रमुख देशों में चीन, पोलैंड, मेक्सिको, चिली, अमेरिका और बोलीविया शामिल हैं। भारत में भी चांदी के भंडार हैं लेकिन अन्य देशों की तुलना में काफी कम हैं। ऐसे में ट्रेड वॉर मे उलझे अमेरिका और चीन के बीच चांदी के लिए नई जंग छिड़ सकती है। दक्षिण अमेरिका में एंडीज और मध्य अमेरिकी देश मेक्सिको में सिएरा माद्रे पर्वतमाला में फैले विशाल चांदी के भंडार घट रहे हैं, जिन्होंने अमेरिका पर स्पेनियों की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सौर पैनल का सबसे बड़ा खर्च बन चुकी है चांदी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा कीमतों पर चांदी सौर पैनल बनाने में सबसे महंगा घटक बन चुकी है —

  • यह पैनल की कुल लागत का लगभग 17% हिस्सा है।
  • 2019 की तुलना में आज दुनिया में छह गुना ज्यादा सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे चांदी की खपत तेजी से बढ़ रही है।

EV उद्योग में चांदी की चमक

  • एक इलेक्ट्रिक वाहन (EV) में पारंपरिक कारों के मुकाबले दोगुनी चांदी का इस्तेमाल होता है।
  • हर बैटरी, स्विच, कनेक्टर और चिप में इसकी मौजूदगी है।
  • AI आधारित डेटा सेंटर्स और उभरती स्मार्ट टेक्नोलॉजी में भी चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है।

खनन घट रहा, सप्लाई पर संकट

दुनिया की तीन-चौथाई चांदी अब जस्ता, सीसा, तांबा या सोना खनन से बाय-प्रोडक्ट के रूप में निकलती है लेकिन इन धातुओं का उत्पादन घटने से चांदी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्ध कैनिंगटन माइन, जो कभी दुनिया की सबसे बड़ी सीसा और चांदी की खदान थी, अगले दशक की शुरुआत में बंद हो सकती है।

कीमतों में हल्की गिरावट, लेकिन दीर्घकालिक तेजी बरकरार

हालांकि मंगलवार को एमसीएक्स पर चांदी ₹3,000 प्रति किलोग्राम गिरकर ₹1,44,436/kg पर पहुंच गई, फिर भी यह अब भी इतिहास के ऊपरी स्तरों के करीब है। विश्लेषकों का मानना है कि सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते चांदी दीर्घकाल में नई ऊंचाइयों को छू सकती है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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