11 साल की उम्र में खरीदा पहला शेयर, आज बफे की कंपनी का शेयर दुनिया का सबसे महंगा स्टॉक
punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2024 - 01:41 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः वॉरेन बफे की बर्कशायर हैथवे इंक 30 अगस्त को अपने जन्मदिन से पहले अमेरिका की पहली गैर-टेक कंपनी बन गई है, जिसने 1 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप हासिल किया। बुधवार को कंपनी के शेयरों में 0.8% की तेजी आई, जिससे इसका मार्केट कैप पहली बार एक ट्रिलियन डॉलर के ऊपर गया।
बर्कशायर हैथवे अब ऐपल, अल्फाबेट इंक, मेटा प्लेटफॉर्म्स और एनवीडिया कॉर्प जैसी दिग्गज कंपनियों की जमात में शामिल हो गई है। यह कंपनी का शेयर दुनिया का सबसे महंगा स्टॉक है।
सालाना प्रदर्शन
इस साल बर्कशायर के शेयरों में 30% की वृद्धि हुई है, जबकि S&P 500 बेंचमार्क में 18% की वृद्धि देखी गई है। 1965 से पिछले साल तक कंपनी की वैल्यू में सालाना लगभग 20% की तेजी रही है।
नेटवर्थ में वृद्धि
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के अनुसार, वॉरेन बफे की नेटवर्थ 146 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, जिससे वह दुनिया के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 26.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
निवेश का इतिहास
बफे का जन्म 30 अगस्त 1930 को नेब्रास्का, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला शेयर खरीदा और 13 साल की उम्र में टैक्स फाइल किया। चार्ली मुंगेर के साथ मिलकर उन्होंने बर्कशायर हैथवे को बिजनेस की दुनिया में प्रमुख बना दिया।
कंपनी का विकास
बर्कशायर हैथवे का व्यापार कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, जैसे प्रॉपर्टी, कैजुएलिटी इंश्योरेंस, रिइंश्योरेंस, यूटिलिटीज एंड एनर्जी, फ्रेट रेल ट्रांसपोर्टेशन, फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेलिंग और सर्विसेज। कंपनी की वर्तमान नकदी 276.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
शेयर मूल्य
बर्कशायर हैथवे का स्टॉक पिछले कई सालों से दुनिया का सबसे महंगा स्टॉक बना हुआ है। वर्तमान में इसका मूल्य 6,91,349.99 डॉलर है और बफे के पास कंपनी में 16% हिस्सेदारी है। बफे ने 1965 में कंपनी को 20 डॉलर से कम प्रति शेयर की कीमत पर खरीदा था।