डॉलर की बादशाहत खत्म करने का ''ब्लूप्रिंट'' तैयार, ब्रिक्स देशों के साथ आए 19 देश

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2023 - 02:55 PM (IST)

नई दिल्ली (एजेंसी): ब्रिक्स देश डॉलर की ताकत को खत्म करने की अगुवाई करने को तैयार हैं, जिसमें 19 देशों का साथ मिलता हुआ दिखाई दे सकता है। इसके अलावा इस मुहिम में वे देश भी शामिल हो सकते हैं जो भले ही ब्रिक्स में शामिल न हो या फिर नहीं हो सकते, लेकिन ब्रिक्स देशों के साथ उनकी स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप काफी अच्छी है।

वास्तव में डॉलर की बादशाहत खत्म करने का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है। जी हां, हम बात ब्रिक्स संगठन की कर रहे हैं। जिसमें दुनिया की एक चौथी जी.डी.पी. की हिस्सेदारी रखने वाले 5 देश शामिल हैं। ब्रिक्स में भारत, ब्राजील, रूस, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इस संगठन में शामिल होने के लिए 19 देशों ने और आवेदन किया है। इस संगठन में आखिरी बार साल 2010 में साऊथ अफ्रीका की ज्वाइनिंग हुई थी। ये पांच देश डॉलर की ताकत को खत्म करने की अगुवाई करने को तैयार हैं।

भारत चाहता है रुपए में ट्रेड
बीते कुछ समय से भारत रुपए में ट्रेड करने की बात कर रहा है। इसके लिए उसने कई देशों के साथ बात भी कर ली है। साथ ही ऐसे अकाऊंट भी ओपन हो गए हैं, जो दूसरे देशों के साथ ट्रेडिंग के दौरान रुपए में सैटलमैंट करने में मदद करेंगे। इसे वोस्ट्रो अकाऊंट कहा जाता है। मार्च 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने बोत्सवाना, फिजी, जर्मनी, गुयाना, इजराइल, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, ओमान, रूस, दुनिया के 13 सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा और से कई देशों में यूनाइटेड किंगडम को वोस्ट्रो अकाऊंट ओपन करने की परमिशन दी है।

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 18 देशों के घरेलू और ऑथराइज्ड विदेशी बैंकों को वोस्ट्रो अकाऊंट खोलने के लिए अब तक कुल मिलाकर 60 अप्रूवल दिए हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार फरवरी में रोसबैंक, टिकॉफ बैंक, सेट्रों क्रैडिट बैंक और मॉस्को के क्रैडिट बैंक सहित 20 रुसी बैंकों ने भारत के पार्टनर बैंकों के साथ स्पैशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खोले हैं। रुपए में ट्रेडिंग बढ़ने से इसकी वैल्यू में इजाफा होगा और ग्लोबल करंसी के रुप में इसकी मान्यता बढ़ेगी।

युआन के जरिए चीन लगा रहा सेंध है
इस वहीं दूसरी ओर चीन भी युआन के जरिए डॉलर की ताकत को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। रूस ने अपने देश में चीन के युआन को मान्यता दी है। इसके अलावा रूस ने दुनिया के करीब एक दर्जन देशों के साथ युआन में ही ट्रेडिंग करने का ऐलान कर दिया है। उसके बाद से युआन के प्रभुत्व में और भी इजाफा हुआ है। इसका मतलब है कि युआन को ग्लोबल करंसी - मलेशिया, के तौर पर मान्यता मिली है। इसके अलावा चीन इंडोनेशिया दुनिया के 130 देशों के साथ ट्रेड करता है, जिनमें से कई देशों में उसका कारोबार युआन में ही होता है। ये डॉलर को एक गहरी चोट हैं।

रूस का डी-डॉलराइजेशन
रूस-यूक्रेन वॉर के बाद से अमरीका और यूरोप ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। रूस के 300 बिलियन डॉलर फॉरेन रिजर्व पर कब्जा कर लिया गया। इसके लिए रूस के अरबपतियों की संपत्ति और पैसों को जब्त कर लिया गया, जिसके बाद से रूस ने डी-डॉलराइजेशन कैपेंन शुरू की। इसके बाद उसने पूरी दुनिया में रूबल में ट्रेडिंग करने की बात कही, लेकिन रूबल में उतनी ताकत नहीं वह ग्लोबल करंसी की ओर बढ़ सके, जिसकी वजह से उसे युआन की ओर जाना पड़ा। भारत से भी उसकी बात रुपए में ट्रेडिंग करने को चल रही है। रूस जहां भी जा रहा है अपने डी-डॉलराइजेशन के कैंपेन को साथ लेकर चल रहा है।

ब्रिक्स लेकर आएगा नई करंसी
30 मार्च को रूसी संसद के उपाध्यक्ष अलेक्सांद्र बाबाकोव ने कहा था कि ब्रिक्स अब अपनी खुद की करंसी लाने पर विचार कर रहा है। इस पर पांचों देशों की सहमति आराम से बन सकती हैं। वहीं जिन 19 देशों के ब्रिक्स में आने का आवेदन किया है वह भी उस करेंसी को अपना सकते हैं। सऊदी अरब और ईरान उन देशों में शामिल ट्रेडिंग करने हैं, जिन्होंने औपचारिक रूप से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कहा है, जिन अन्य देशों ने शामिल होने में रुचि व्यक्त की है, उनमें अर्जेंटीना, संयुक्त नोबल करंसी अरब अमीरात, अल्जीरिया, मिस्र, बहरीन और अलावा चीन इंडोनेशिया शामिल हैं, साथ ही ईस्ट अफ्रीका के दो देश और पश्चिम अफ्रीका का एक देश शामिल है। ऐसे में डॉलर को धराशायी करने की पूरी तरह "से तैयारी की जा चुकी है।


 


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Content Editor

rajesh kumar

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