आयकर में मध्यम को राहत नहीं, अमीरों पर कर बढ़ा

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2019 - 03:33 PM (IST)

 

नई दिल्लीः आयकर में बड़ी राहत की उम्मीद लगाए मध्यम वर्ग को बजट से निराशा हाथ लगी है। सरकार ने अंतरिम बजट में पांच लाख रुपए तक की आय पर शत-प्रतिशत कर छूट देने का ऐलान किया था। मध्यम वर्ग को उम्मीद थी कि पूर्ण बजट में कर स्लैब में बदलाव किया जायेगा किंतु बजट में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करते हुए कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ाने के लिए 2019-20 के बजट में अधिभार के माध्यम से अमीरों पर कर का बोझ बढ़ाया गया है। 

PunjabKesari

पहले एक करोड़ रुपए से ज्यादा की कर योग्य आय वालों को व्यक्तिगत आयकर पर 15 प्रतिशत अधिभार देना होता था। आज पेश बजट में एक करोड़ से ज्यादा और दो करोड़ रुपए तक की आय वालों के लिए अधिभार 15 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। दो करोड़ से ज्याद और पांच करोड़ रुपए तक की आमदनी वालों के लिए अधिभार 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी वालों के लिए अधिभार बढ़ाकर 37 प्रतिशत किया गया है। 

 

सीतारमण ने बताया कि इसे दो करोड़ से अधिक और पांच करोड़ रुपए तक की सालाना आय वालों को पहले की तुलना में तीन प्रतिशत तथा पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय वालों को सात प्रतिशत ज्यादा कर देना होगा। दो करोड़ रुपए तक की आय वालों के लिए कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाने से यह पहले की तरह ही रहेंगे। पांच लाख रुपए सालाना से अधिक आय पर ही करदाता कर भुगतान के दायरे में आएंगे। पिछले वित्त वर्ष में ढाई से पाँच लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत आयकर देय था। पांच लाख से अधिक और दस लाख रुपय तक की आय पर कर 20 प्रतिशत लगता था। दस लाख रुपए से अधिक आय पर कर दर 30 प्रतिशत थी। इस प्रकार पांच लाख रुपए से एक रुपया भी आमदनी अधिक होने पर पूरी राशि आयकर के दायरे में आ जाएगी। 

PunjabKesari

ज्यादा पैसे निकाले तो देना होगा टैक्स
अगर कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का TDS लगाया जाएगा यानी सालाना 1 करोड़ रुपए से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपए टैक्स में ही कट जाएंगे।

PunjabKesari


 

अंतरिम बजट में लगा था झटका
इससे पहले फरवरी में अंतरिम बजट में कॉर्पोरेट सेक्‍टर को झटका लगा था। दरअसल, बड़ी इंडस्‍ट्री को उम्मीद थी कि कॉर्पोरेट टैक्स में राहत मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं, अंतरिम बजट में एल्‍यूमीनियम इंडस्‍ट्री की ओर से आयात पर अंकुश लगाने के लिए प्राइमरी एल्यूमीनियम और स्क्रैप मेटल दोनों पर मौजूदा सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी कर देने की मांग की जा रही थी। वहीं ऑयल एंड एनर्जी सेक्‍टर की निवेश पर जोर देने की मांग थी। बायोफ्यूल/बायोडीजल संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक मशीनों के आयात पर जीरो शुल्क कर देने की मांग की गई थी। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News