Banking Sector में सरकार करेगी बड़ा बदलाव, Top-20 की लिस्ट में शामिल होंगे दो बैंक
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 05:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत अपने बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। अब लक्ष्य यह रखा गया है कि वर्ष 2047 तक देश के कम से कम दो पब्लिक सेक्टर बैंक दुनिया के टॉप 20 बैंकों की सूची में शामिल हों। यह विजन विकसित भारत के सपने से जुड़ा है। फिलहाल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक ही ऐसे नाम हैं जो एसेट्स के आधार पर टॉप 100 ग्लोबल लेंडर्स की लिस्ट में जगह बना पाए हैं।
PSB मंथन कॉन्फ्रेंस में एजेंडा
एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार से शुरू हुए दो दिवसीय PSB मंथन कॉन्फ्रेंस में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें कॉरपोरेट गवर्नेंस को मजबूत करना, कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और तकनीकी आधुनिकीकरण के जरिए भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही साइबर सिक्योरिटी, वर्कफोर्स ट्रांसफॉर्मेशन, रिस्क मैनेजमेंट और पर्सनल बैंकिंग जैसे विषयों पर भी बातचीत हुई। अधिकारियों ने कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारतीय बैंकों को भविष्य के लिए तैयार करना और उनकी क्षमता में वृद्धि करना बेहद जरूरी है। इस दौरान बैंकों को ज्यादा स्वायत्तता देने और अगले स्तर की ग्रोथ की दिशा में काम करने की बात भी सामने आई।
बैंकों की चुनौतियां और सुधार
कॉन्फ्रेंस में बैंकरों ने गिरते करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट (CASA) रेशियो को सुधारने पर चर्चा की। साथ ही एमएसएमई और कृषि जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लोन ग्रोथ को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया। जुलाई 2025 में लोन ग्रोथ सुस्त रही, नॉन-फूड क्रेडिट ग्रोथ 13.7% से घटकर 9.9% तक आ गई। वहीं, उद्योग क्षेत्र में लोन की मांग कमजोर रही और बड़े उद्योगों को दिए जाने वाले लोन की वृद्धि 1% से भी कम रही।
पब्लिक सेक्टर बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन में हालांकि बीते कुछ सालों में बड़ा सुधार हुआ है। मार्च 2021 में जहां उनका ग्रॉस एनपीए 9.11% था, वहीं मार्च 2025 तक यह घटकर 2.58% पर आ गया। इसी अवधि में नेट प्रॉफिट 1.04 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया और डिविडेंड भुगतान भी 20,964 करोड़ रुपए से बढ़कर 34,990 करोड़ रुपए हो गया। पिछला पीएसबी मंथन वर्ष 2022 में हुआ था, जिसके बाद सरकार ने बैंकों को तीन साल का बिजनेस स्ट्रैटेजी रोडमैप बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही सुझाव दिया गया था कि बड़े बैंक अपनी सफल प्रैक्टिस छोटे बैंकों के साथ साझा करें और उन क्षेत्रों में मार्गदर्शन दें जहां अधिक विशेषज्ञता की जरूरत है।
वित्त वर्ष 2026 के सुधार एजेंडे EASErise के तहत पब्लिक सेक्टर बैंकों का ध्यान रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत करने, आर्थिक झटकों से निपटने की क्षमता बढ़ाने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने पर केंद्रित रहेगा।