भारतीय इतिहास के सबसे बड़े दानी बने अजीम प्रेमजी, 52750 करोड़ रुपए के शेयर किए दान

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 11:48 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः आईटी दिग्गज और विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 34 फीसदी शेयर परोपकार के लिए देने का फैसला किया है जिसका बाजार मूल्य 52,750 करोड़ रुपए है। अजीम देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन हैं। वह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए लोगो की मदद करने का काम करते हैं। इसमें वह अब तक 1.45 लाख करोड़ रुपए दे चुके हैं। दिसंबर 2018 में विप्रो में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 74.3% थी। अब तक इतनी राशि किसी भी दानी ने दान नहीं की जिस कारण अजीम प्रेमजी इतिहास के सबसे बड़े दानी बन चुके है।

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अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने बयान में कहा कि अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी संपत्तियों का त्याग कर, उसे धर्मार्थ कार्य के लिए दान कर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाई है।अजीम फाउंडेशन दुनिया की बड़ी फाउंडेशन की सूची में शुमार है। 73 वर्षीय प्रेमजी ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्होंने 'द गिविंग प्लेज इनीशिएटिव' पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल की शुरुआत बिल गेट्स और वॉरेन बफेट ने की थी जिसके तहत अपनी 50 फीसदी संपत्ति परोपकारी कार्य के लिए देने का वादा किया जाता है।

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क्या करती है ये अजीम प्रेमजी फाउंडेशन
समाजसेवा के लिए बनाया गया अजीम प्रेमजी फाउंडेशन मुख्यत: शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसका लक्ष्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम को बेहतर बनाना है। फाउंडेशन इस क्षेत्र में काम करने वाले कई एनजीओ को आर्थिक मदद भी देता है। अजीज प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है। वंचित तबकों के लिए काम कर रहे 150 से ज्यादा एनजीओ को 5 साल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से फंड मिला है। अभी करीब 1600 लोग इसके लिए फील्ड वर्क कर रहे हैं।यह फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है। जल्द ही इस यूनिवर्सिटी को 5 हजार छात्रों और 400 शिक्षकों की क्षमता वाला बनाया जाएगा। इसके बाद उत्तर भारत में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है।

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प्रेमजी को मिल चुका 'शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर'
प्रेमजी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर' भी मिल चुका है। उन्हें ये सम्मान समाजसेवा करने, फ्रांस में आर्थिक दखल और आईटी उद्योग विकसित करने को लेकर दिया गया। उनसे पहले ये सम्मान पाने वाले भारतीय बंगाली अभिनेता सौमित्र चटर्जी और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान हैं। प्रेमजी के पिता हाशिम प्रेमजी भी अपने समय के जानेमाने व्यापारी थे। उन्हें बंटवारे के बाद जिन्ना ने पाकिस्तान का वित्त मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने भारत में रहना ही पसंद किया।


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Isha

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