इकॉनमी श्रेणी के विमान किराए की सीमा तय होनी चाहिए : शर्मा

punjabkesari.in Sunday, May 24, 2015 - 05:13 PM (IST)

नई दिल्ली: इकॉनमी श्रेणी के किरायों की सीमा तय करने की वकालत करते हुए नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा है कि ‘बाजार बिगाडऩे वाली किराया दरें’ यात्रियों के लिए बड़ा मुद्दा हैं। आमतौर पर इकॉनमी श्रेणी का किराया व्यस्त सीजन में आसमान पर पहुंच जाता है, और सुस्त सीजन में नीचे आ जाता है।   
 
शर्मा ने कहा, ‘‘एयरलाइंस का बाजार बिगाडऩे वाला किराया बड़ा मुद्दा है। जनता के एक वर्ग के अलावा सांसदों ने भी यह मुद्दा उठाया है कि किसी यात्री को आपात स्थिति में टिकट के लिए विमानन कंपनियां एक टिकट के लिए 30,000 से 40,000 रपये तक वसूलती हैं।’’   
 
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी हाल में कहा है कि उसे एयरलाइंस द्वारा मनमाने तरीके से किराया वृद्धि व उनके बीच सांठगाठ के मुद्दे को समझने के लिए गहराई तक जाना होगा। आयोग को कुछ सांसदों से इस बारे में शिकायत मिली है।  
 
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि विमान किरायों की सीमा तय करना या उनका न्यूनतम स्तर निर्धारित करने के अपने प्रभाव होंगे और किराया तय करने का काम एयरलाइंस पर छोड़ दिया जाना चाहिए।   शर्मा ने कहा कि वह भी एक सीमा से नीचे विमान किराए के पक्ष में नहीं हैं। ‘‘मैं नहीं चाहूंगा कि किराया 500 रुपए हो जाए। कुछ आधार मूल्य होना चाहिए, लेकिन यह असीमित नहीं हो सकता।’’  
 
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विमान किराये नियमन के दायरे में नहीं आते। लेकिन एक ही कारोबारी माडल सभी देशों के लिए नहीं हो सकता, क्योंकि प्रत्येक देश में स्थितियां भिन्न हैं, विशेषरूप से टिकट दर को लेकर।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि सैद्धान्तिक तौर पर मैं चाहूंगा कि कुछ नियमन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है और इस पर अंतिम फैसला सरकार को करना है।  
 

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