भारत में एंट्री लेगी जापानी ई-कॉमर्स कम्पनी राकुटेन!

punjabkesari.in Monday, Apr 11, 2016 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्लीः जापान की अलीबाबा कही जाने वाली ई-कॉमर्स कम्पनी राकुटेन अपनी चाइनीज प्रतिद्वंद्वी के नक्श-ए-कदम पर चल सकती है और भारत के तेजी से आगे बढ़ते ऑनलाइन मार्कीटप्लेस में एंट्री कर सकती है। यह कम्पनी चैट एप्प वाइबर की मालिक भी है। जापान की इस सबसे बड़ी ई-कॉमर्स मार्कीटप्लेस ऑप्रेटर ने 2014 में बैंगलूर में डिवेलपमेंट सैंटर खोला था। सूत्रों के मुताबिक उसने शहर में एक बिजनेस ऑफिस बनाया है और फ्लिपकार्ट तथा अमेजॉन के मिड-लेवल मैनेजर्स को अपने पाले में लाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। 

अलीबाबा ने भारत की ई-कॉमर्स कम्पनियों में निवेश किया है और वह इस साल किसी वक्त भारत में डायरैक्ट एंट्री की योजना बना रही है। राकुटेन के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कमैंट करने से मना कर दिया। फर्म के टोक्सो बेस्ड स्पोक्सपर्सन ने ई-मेल में कहा, ''भारत एक तेजी से ग्रोथ दर्ज करता मार्कीट है। वहां प्रतिभाशाली लोग हैं। राकुटेन के लिए वहां अच्छे आइडिया हैं। हालांकि भारत में डिवेलपमैंट्स पर अभी हम कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं।'' 

भारत में ई-कॉमर्स सेल्स के 2015 के 14 अरब डॉलर के आंकड़े से बढ़कर 2018 में 55 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह उम्मीद रिसर्च फर्म ई-मार्कीटर ने लगाई है। भारत ने रिटेल ई-कॉमर्स के मामले में एशिया पैसिफिक कंट्रीज के बीच सबसे तेज ग्रोथ दर्ज की है। 2014 में इसकी ग्रोथ 133.8 फीसदी और 2015 में 129.5 फीसदी थी। इंडियन ई-कॉमर्स मार्कीट में हालांकि फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और स्नैपडील जैसी टॉप प्लेयर्स के बीच किसी नए प्लेयर को खुद को स्थापित करना काफी मुश्किल हो सकता है।

राकुटेन की शुरूआत 1997 में एक छोटी ऑनलाइन मार्कीटप्लेस के रूप में करीब आधा दर्जन कर्मचारियों के साथ हुई थी। अभी उसमें 12,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और उसकी सेल्स 5 अरब डॉलर से ज्यादा है। जापान के ई-कॉमर्स बिजनेस का करीब एक चौथाई हिस्सा इसके पास है। जापान में यह अमेजॉन से आगे है। इसका कारोबार फाइनैंशियल सर्विसेज, डिजिटल कंटेंट और ट्रैवल बिजनेस में भी है। भारत में आना राकुटेन की विस्तार से जुड़ी स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। 2010 में उसने अमरीका में 25 करोड़ डॉलर की ऑल-कैश डील में बायडॉटकॉम को खरीदा था ताकि नॉर्थ अमरीकी बाजार में पैठ बढ़ाई जा सके। 

2014 में उसने सैन फ्रांसिस्को की ऑनलाइन कैश बैक कंपनी ईबेट्स इंक को एक अरब डॉलर में खरीदा था। ईबेट्स अमेजॉनडॉटकॉम, बेस्ट बाय सहित कई अमरीकी रिटेलरों से डील करती है। कुछ महीनों पहले राकुटेन ने वाइबर इंटरनैट मैसेजिंग और कॉलिंग सर्विस को 90 करोड़ डॉलर में खरीदा था। भारत ने पिछले महीने ऑनलाइन मार्कीटप्लेसेज में 100 फीसदी फॉरेन डायरैक्ट इनवेस्टमेंट की इजाजत दी थी। इस तरह उसने अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के बिजनेस मॉडल पर अस्पष्टता की स्थिति खत्म की थी।


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