2018 में हवाई यात्रियों ने खोए 2.5 करोड़ बैग, 11 साल में पहली बार 47% कम हुआ आंकड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2019 - 06:37 PM (IST)

नई दिल्लीः हवाई यात्रियों ने सफर खत्म होने के बाद पिछले एक साल में करीब 2.5 करोड़ बैग खो दिए हैं। पिछले 11 साल में यह संख्या सबसे कम दर्ज की गई लेकिन अभी भी विश्व के कई देशों में हवाई यात्रियों के साथ रोजाना ऐसा होता रहता है। एविएशन इंडस्ट्री को आईटी सर्विसेज मुहैया कराने वाली संस्था सिटा ने यह आंकड़ा जारी किया है। सिटा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 11 साल में ऐसे मामलों में 47 फीसदी कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में दुनियाभर में सालाना 4.69 करोड़ सामान गुम होते थे। वहीं अब यह आंकड़ा 2.5 करोड़ पर आ गया है। 

इस वजह से आई कमी
सिटा ने कहा है कि पिछले 10 सालों में विमानन कंपनियों ने सामान को ट्रैक करने वाली तकनीक पर काफी निवेश किया है। इससे यात्रियों का सामान खोता नहीं है और न ही किसी दूसरी जगह पर पहुंचता है।

बारकोड के साथ रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग
विश्व की कई दिग्गज विमानन कंपनियां अब रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग का इस्तेमाल करने लगी हैं। इस टैग में एक बार कोड भी होता है, जिससे यात्रियों का सामान सही फ्लाइट में जाता है। हैं। इस टैग की मदद से सामान जब एयरपोर्ट सिस्टम से गुजरता है तो मशीन द्वारा उसकी ऑटोमेटिक स्कैनिंग हो जाती है। इससे सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए यात्रियों के सामान का आसानी से पता लगा जा सकता है। 

यहां पर अभी भी दिक्कत
सिटा के मुताबिक एक फ्लाइट से दूसरी फ्लाइट में ट्रांसफर के दौरान बड़ी संख्या में सामान गलत जगह पहुंच जाते हैं। फ्लाइट में देरी इसकी बड़ी वजह बनती है। सामान की कोडिंग के लिए इंटरनेशनल एयरट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आयटा) के स्टैंडर्ड 1989 से लागू हैं। वहीं बारकोड लेबल सिस्टम 1950 के दशक से उपलब्ध हैं लेकिन कई छोटे एयरपोर्ट पर अब भी ये लेबल नियमित तौर पर स्कैन नहीं किए जाते हैं। आयटा ने पिछले साल सामान की बेहतर देखभाल के लिए रिजोल्यूशन 753 पेश किया है। इसके तहत एयरलाइंस और एयरपोर्ट को बैग के प्रति ज्यादा जिम्मेदार बनाया गया है। इससे आने वाले समय में अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है। 


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jyoti choudhary

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