18 हजार करोड़ में Tata की हुई Air India, भावुक हुए रतन टाटा ने कहा- वेलकम बैक

punjabkesari.in Friday, Oct 08, 2021 - 05:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कर्ज में फंसी एयर इंडिया को बेचने की सरकार की कोशिश आखिरकार कामयाब हो गई। सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली के विजेता का ऐलान कर दिया। एयर इंडिया की कमान अब टाटा ग्रुप ही संभालेगी। टाटा ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई। इसी के साथ सबसे बड़ी बोली लगाकर टाटा ग्रुप एक बार फिर एयर इंडिया का कमान अपने हाथों ले लिया। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी है।

DIPM के सेक्रेटरी तुहीन कांत ने कहा कि Air India के लिए टाटा ग्रुप ने 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। एयर इंडिया का 15300 करोड़ रुपए का कर्ज टाटा चुकाएगी। एयर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें 15300 करोड़ रुपए टाटा संस चुकाएगी जबकि बाकी के 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरेगी।

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दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय बोलते हुए कहा कि एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की फाइनेंशियल बोली पर फैसला लिया है। इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं। कई बार बोली के लिए आवेदन मांगे गए लेकिन फाइनली सितंबर में दो बिडर के नाम फाइनल हुए। एयर इंडिया के सभी कर्मचारियों का ध्यान रखा जाएगा। उन पर इसका असर नहीं होगा।

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बता दें कि एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी। हाल ही में ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में कहा था कि एअर इंडिया के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है। बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। अब 68 साल बाद वापस एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगाकर खरीद लिया है।

रतन टाटा हुए भावुक, कहा- वेलकम बैक
एयर इंडिया की घर वापसी पर रतन टाटा ने 'वेलकम बैक, एयर इंडिया' का ट्वीट किया है। ट्वीट में रतन टाटा का एक नोट भी अटैच है। इस नोट में लिखा गया है, 'टाटा ग्रुप का एयर इंडिया के लिए बोली जीतना बेहद अच्छी खबर है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए मेहनत लगेगी। उम्मीद है कि यह फैसला एविएशन इंडस्ट्री में टाटा ग्रुप की मौजूदगी के लिए एक बड़ा बाजार अवसर उपलब्ध कराएगा।'

फिर से पुरानी प्रतिष्ठा वापस लाने की होगी कोशिश
रतन टाटा ने यह भी कहा, 'एक वक्त ऐसा था, जब एयर इंडिया ने जेआरडी टाटा के नेतृत्व में 'दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइंस में से एक' के तौर पर ख्याति बटोरी थी। अब टाटा ग्रुप के पास वह इमेज और प्रतिष्ठा फिर से बनाने का मौका होगा, जो एयर इंडिया के शुरुआती सालों में थी। अगर आप जेआरडी टाटा हमारे बीच होते तो वे बेहद खुश होते।' रतन टाटा ने अपने नोट में चुनिंदा इंडस्ट्रीज को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की हालिया नीति के लिए सरकार को भी धन्यवाद दिया है।

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साल 1932 में टाटा ने शुरू की थी एयर इंडिया
एयर इंडिया को 1932 में टाटा ग्रुप ने ही शुरू किया था। टाटा समूह के जे.आर.डी. टाटा इसके फाउंडर थे। वे खुद पायलट थे, तब इसका नाम टाटा एयर सर्विस रखा गया। 1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थीं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदी। 

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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