बैन और फ्रॉड के बाद इस गेमिंग कंपनी की बढ़ी मुसीबत, कर्मचारियों की नौकरी खतरे में

punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 03:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में रियल मनी गेमिंग पर लगाए गए सख्त प्रतिबंध और कंपनी में सामने आए घोटाले ने Gameskraft को संकट में डाल दिया है। सरकार के बैन और पूर्व CFO पर लगे फ्रॉड के आरोपों के बीच कंपनी ने लगभग 120 कर्मचारियों की छंटनी की है, जिससे उनके करियर और सेक्टर की स्थिरता दोनों प्रभावित हुई हैं। यह फैसला कंपनी-व्यापी पुनर्गठन और सरकारी नियमों में बदलाव के कारण लिया गया।

हाल ही में भारत सरकार ने ऐसे ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाई है जिनमें असली पैसे से दांव लगाया जाता है और जीत की संभावना रहती है। इस नए कानून के चलते Gameskraft जैसे रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का बिजनेस मॉडल प्रभावित हुआ है।

कंपनी के फाउंडर पृथ्वी सिंह ने कहा कि यह निर्णय उनके लिए कठिन था और उन्होंने छंटनी किए गए कर्मचारियों का योगदान सराहा। प्रभावित कर्मचारियों को उनके पैकेज, छुट्टियों का पैसा और मार्च 2026 तक ग्रुप हेल्थ बीमा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

पूर्व CFO पर बड़ा आरोप

इस बीच, कंपनी को एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व CFO रमेश प्रभु पर 270 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। कंपनी ने उनके खिलाफ बेंगलुरु में FIR दर्ज करवाई है।

और हो सकती है छंटनी 

Gameskraft अकेली कंपनी नहीं है। देश की अन्य बड़ी गेमिंग कंपनियों जैसे A23 Rummy, Zupee, MPL और Baazi Games ने भी हाल ही में बैन के चलते भारी छंटनी की है। A23 Rummy ने 500 से ज्यादा और MPL ने हजारों कर्मचारियों को निकाला है।

कंपनी ने संकेत दिए हैं कि यदि परिस्थितियां नहीं सुधरीं, तो भविष्य में और भी स्ट्रक्चरल बदलाव और छंटनी हो सकती है। इसके साथ ही Gameskraft ने अपने प्रमुख गेमिंग ऐप्स जैसे Rummy Culture और Pocket52 को बंद कर दिया है और अब नए बिजनेस मॉडल पर काम कर रही है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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