जुलाई तक रहेगी वैक्सीन की कमी, पूनावाला बोले- नहीं सोचा था एक साल में बनानी होंगी इतनी डोज

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 11:38 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में बढ़ते कोविड संकट के बीच राज्यों में वैक्सीन की कमी आ रही है। देश के कई हिस्सों में वैक्सीन ना होने के कारण या तो सेंटर्स बंद पड़े हैं या फिर नया चरण शुरू नहीं हो सका है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन की कमी जुलाई तक चल सकती है।

जनवरी में दूसरी लहर आने की उम्मीद नहीं थी
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा है कि वैक्सीन प्रोडक्शन जुलाई में बढ़ने की उम्मीद है। पूनावाला का कहना है कि प्रोडक्शन एक महीने में 6-7 करोड़ डोज की जगह करीब 10 करोड़ डोज होने की संभावना है। उन्होंने कहा, "कोई ऑर्डर नहीं था। हमें नहीं लगता था कि हमें एक साल में 100 करोड़ से अधिक खुराक बनाने की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को जनवरी में दूसरी लहर की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, "हर कोई वास्तव में महसूस कर रहा था कि भारत में महामारी खत्म होने के कगार पर थी।"

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए Tech Mahindra ने खोजी दवा! पेटेंट के लिए कर रही आवेदन 

पिछले महीने, केंद्र सरकार ने क्षमता विस्तार की सुविधा के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को 3,000 करोड़ रुपए एडवांस दिए। भारत में शुक्रवार को पहली बार नए मामले 400,000 को पार कर गए। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाती है जिसे स्थानीय रूप से कोविशिल्ड ब्रांड नाम से वितरित किया जाता है। केंद्र सरकार ने अब तक इसका पूरा उत्पादन खरीदा है लेकिन इस महीने की शुरुआत में राज्यों और निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन खरीदने की अनुमती दी गई है।

यह भी पढ़ें- SBI चेयरमैन बोले- अर्थव्यवस्था को सपोर्ट देने के लिए जितना संभव होगा ब्याज दरें कम रखेंगे 

वैक्सीन नीति सरकार द्वारा बनाई गई
सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है। हालांकि टीके की कमी के कारण फिलहाल प्रभावी ढंग से इसकी शुरुआती नहीं हो सकती है। एक मई को सिर्फ 18 लाख लोगों का टीकाकरण संभाव हुआ था। आपको बता दें कि भारत में अब तक करीब 16 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। यह देश की आबादी का सिर्फ 12 प्रतिशत है। हालांकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है। यह सिर्फ दो प्रतिशत है।

यह भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, कर भुगतान देरी पर लेट फीस माफ

पूनावाला ने कहा कि राजनेताओं और आलोचकों ने टीके की कमी के लिए एसआईआई को दोषी ठहराया है, लेकिन वैक्सीन नीति सरकार द्वारा बनाई गई थी।

आपको बता दें कि भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी। केंद्र सरकार ने शुरू में SII से 2.1 करोड़ टीके मंगवाए थे। मार्च में जब मामले बढ़ने लगे तो अतिरिक्त 11 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया गया था। विस्तारित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और निजी अस्पतालों से अधिक कीमत वसूलने के लिए भी कंपनी की आलोचना की गई है। सीरम ने बाद में राज्य सरकारों द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत को 400 रुपए से घटाकर 300 रुपए कर दिया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News