''करमाइकल परियोजना से हाथ खींच सकती है अदानी''

punjabkesari.in Saturday, Jun 04, 2016 - 03:10 PM (IST)

मेलबर्नः विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली भारतीय कम्पनी अदानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ऑस्ट्रेलिया में दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजना से हाथ खींच सकती है। स्थानीय अखबार ‘द ऑस्ट्रेलियन’ ने कम्पनी के संस्थापक एवं अध्यक्ष गौतम अदानी के हवाले से आज खबर दी है कि पर्यावरण संबंधी मुद्दों को लेकर कानूनी चुनौतियों के कारण कम्पनी 10 अरब डॉलर की करमाइकल परियोजना में आगे नहीं बने रहना चाहती। इस परियोजना को डॉलर स्थानीय पर्यावरणविदों का काफी विरोध झेलना पड़ रहा है।

 

अदानी ने समाचार पत्र को बताया कि कानूनी चुनौतियों के कारण हो रही देरी को देखते हुए कम्पनी परियोजना से हाथ खींच सकती है। उन्होंने कहा, "आप परियोजना में निवेश कर चुप-चाप बैठे नहीं रह सकते। परियोजना में हुई देरी को लेकर मैं निराश हूं।" ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड प्रांत की सरकार ने इस साल अप्रैल में अदानी इंटरप्राइजेज को खनन तथा इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की अनुमति दे दी थी। करमाइकल की खानों में 11 अरब टन कोयला भंडार होने का अनुमान है। 

 

कोयला खनन के अलावा कम्पनी को परियोजना के लिए जरूरी सड़कों, कार्यशालाओं, बिजली पारेषण सुविधा तथा पाइप लाइन बिछाने का काम भी करना है। सरकारी मंजूरी के बावजूद पर्यावरणविद कई मोर्चों पर परियोजना का विरोध कर रहे हैं। वे लामबंदी कर बैंकों पर भी इसके लिए ऋण नहीं देने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने अप्रैल में प्रांतीय सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया था। ऐसे समय में जब कोयले की कीमतें 9 साल के निचले स्तर पर हैं और कार्बन उत्सर्जन कम करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बीच भविष्य में इसकी मांग को लेकर काफी अनिश्चितता बनी हुई है, विश्लेषकों का मानना है कि बैंक स्वयं भी परियोजना के लिए वित्त उपलब्ध कराने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाएंगे।  

 

कम्पनी ने करमाइकल खदान में 2017 में खनन शुरू करने का लक्ष्य तय किया है। यहां निकाला जाने वाला अधिकतर कोयले का इस्तेमाल भारत में अदानी के बिजली संयंत्रों में किया जाना है। 


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