रोजमर्रा की चीजें हो सकती हैं महंगी, मिडिल ईस्ट तनाव से बढ़ सकती हैं प्रोडक्ट्स की कीमतें
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 11:28 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में जारी युद्ध ने भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था की चिंता बढ़ा दी है। एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों को डर है कि इस तनाव के चलते कच्चे तेल और अन्य कच्चे माल की कीमतों में तेजी आ सकती है, जिससे साबुन, बिस्किट, तेल, पैकेजिंग उत्पादों जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ अधिकारी कृष्णा खटवानी ने कहा कि मिडिल ईस्ट तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि संभव है। गोदरेज, सिन्थोल साबुन और गुडनाइट जैसे प्रोडक्ट्स बनाती है। उन्होंने चेताया कि इससे इन उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
डिमांड बढ़ने की उम्मीद पर पानी फिर सकता है
पिछले पांच तिमाहियों से कमजोर मांग झेल रहीं कंपनियों को हाल ही में डिमांड में सुधार की उम्मीद जगी थी। इसके पीछे RBI की दरों में कटौती, सरकार की टैक्स छूट और समय से पहले मानसून जैसी राहतें थीं। मगर अब पश्चिम एशिया संकट इस उभरती रिकवरी पर ब्रेक लगा सकता है।
प्लास्टिक पैकेजिंग पर भी असर
बिसलेरी इंटरनेशनल के सीईओ एंजेलो जॉर्ज ने कहा कि मिडिल ईस्ट के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ने से तेल की आपूर्ति में बाधा आ सकती है। इससे प्लास्टिक पैकेजिंग जैसे पेट्रो-डेरिवेटिव उत्पादों की लागत बढ़ेगी, जिससे बिसलेरी जैसी कंपनियों को सीधा नुकसान हो सकता है। हाल ही में बिसलेरी ने दुबई की एक रिटेल चेन से साझेदारी कर पश्चिम एशिया और अफ्रीका में विस्तार की घोषणा की थी लेकिन मौजूदा हालात इस विस्तार को भी प्रभावित कर सकते हैं।
छह महीने की राहत भी खतरे में
कंपनियां आमतौर पर कच्चे माल की 6 महीने की इन्वेंटरी पहले से रखती हैं। लेकिन अगर तेल की आपूर्ति बाधित होती है या कीमतों में अस्थिरता रहती है, तो यह इन्वेंटरी लागत बढ़ा सकती है और शहरी बाजारों में सुधार की संभावनाएं कम हो सकती हैं।
डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा कि वे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने माना कि हाल ही में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर सात महीने के निचले स्तर पर आई है और मानसून की अच्छी संभावना व सरकारी प्रोत्साहन से इंडस्ट्री को डिमांड बढ़ने की उम्मीद थी।