नीरव मोदी फ्रॉड में बैंकों का 20,000 करोड़ फंसा!

punjabkesari.in Tuesday, Feb 20, 2018 - 09:46 AM (IST)

नई दिल्लीः नीरव मोदी, उनके रिश्तेदारों और सहयोगी कंपनियों से जुड़े फ्रॉड में बैंकों के फंसे कर्ज की रकम 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है जो शुरुआती अनुमान का करीब-करीब दोगुना है। यह जानकारी बैंकों और सरकारी अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। इस रकम में सहयोगी कंपनियों को दिया गया कर्ज भी शामिल है, जिसे अब बैड लोन घोषित किए जाने का रिस्क है। पहले फ्रॉड की रकम 11,300 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सरकार इसे लेकर बहुत परेशान नहीं है क्योंकि नीरव मोदी और उनके सहयोगियों की काफी संपत्ति पहले ही जब्त की जा चुकी है।

सरकारी बैंकों की जल्द होगी मीटिंग 
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम फ्रॉड की रकम को लेकर बहुत फिक्रमंद नहीं हैं क्योंकि जांच करने वाली एजैंसियां पहले ही 6000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी हैं। इन संपत्तियों में सोना, हीरा वगैरह शामिल हैं।’’ वित्त मंत्रालय जल्द इस मामले में सभी सरकारी बैंकों की मीटिंग बुलाने वाला है ताकि फ्रॉड से जिन एंटीटीज के जुड़े होने का शक है, उन सबको ट्रैक किया जा सके और पूरी तस्वीर का पता चले। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मीटिंग बहुत जल्द हो सकती है। हम इसमें कुल फंसी रकम का अंदाजा लगाएंगे। इसमें बैंकों की तरफ से उठाए गए कदम और संभावित कार्रवाई पर चर्चा होगी।’’

SBI का 1360 करोड़ रुपया फंसा
इस मामले में मोदी और उनके रिश्तेदारों के अलावा सोलर एक्सपोर्ट, स्टेलर डायमंड, डायमंड आर.एस., गीतांजलि जेम्स, जिली इंडिया, नक्षत्र और चंदेरी पेपर्स के नाम जुड़े हैं। इस मामले में एस.बी.आई. का 1360 करोड़ रुपया फंसा है, जो उसने पी.एन.बी. के लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एल.ओ.यू.) के बदले दिया है। एस.बी.आई. के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक ने गीतांजलि जेम्स को कुछ कर्ज दिया हुआ है, जो बैंकों से पहले ही फंडेड और नॉन-फंडेड एक्सपोजर का पता लगाने को कहा गया है। इसमें संबंधित कंपनियों को जारी किए गए लैटर ऑफ क्रैडिट (एल.सी.) और एल.ओ.यू. शामिल हैं। उनके बदले कंपनियों ने क्या संपत्ति गिरवी रखी है, यह भी देखा जा रहा है।
 


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