पाकिस्तान में इस समय हवाओं का रुख बदल रहा है

punjabkesari.in Wednesday, Apr 21, 2021 - 04:51 AM (IST)

पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से जहां जनता त्राहि-त्राहि कर रही है वहीं इमरान सरकार के पग भी लडख़ड़ाने लग पड़े हैं। इमरान अपने दो वर्ष के कार्यकाल में 2 वित्त मंत्री बदल चुके हैं। उनके सत्ता संभालते ही असद उमर को वित्त मंत्री बनाया गया। उसके बाद हफीद शेख को वित्त मंत्रालय की बागडोर सौंपी गई। पाकिस्तान के एक मंत्री शिवली फराद ने कहा है कि शेख को इसलिए पद से हटा दिया क्योंकि वह महंगाई पर काबू पाने में पूर्ण रूप से असफल रहे। 

गौरतलब है कि हफीद शेख एक जाने माने अर्थशास्त्री हैं और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के कई उच्च पदों पर तैनात रहे हैं। पाकिस्तान के प्रसिद्ध लेखक रशीद अहमद ने अपने कालम में लिखा है कि पाकिस्तान रिपब्लिक 1948 से ही नेतृत्व और प्रशासन के मामले में प्रभावहीनता दौर से गुजर रहा है। 

इमरान सरकार इतनी कमजोर और अनुभवहीन है कि वह राजनीति में प्रशासन और पाकिस्तान के अस्तित्व के बारे में कोई तर्कसंगत फैसला ले पाने के लिए असंवेदनशील दिखाई दे रही है। इस समय पाकिस्तान की सत्ता चूजों के हाथ में है। पाकिस्तान की स्थिति इस तरह से हो गई है कि आज देश में अयोग्य, बेईमान, नालायक और निकम्मे लोग सत्ता पर काबिज हैं। इमरान चुनाव के समय राष्ट्रीय मुद्दों और जनहित की बातें करते थे। आज उनके दोनों हाथ खड़े हैं। उनका कहना है कि उनकी कैबिनेट के मंत्रियों को अनुभव कम था जिसके कारण सुधार नहीं हो सका। 

सेना के सहयोग से सत्ता हथियाने वाले इमरान खान कोई भी सटीक फैसला नहीं ले पा रहे। आज देश में राजनीतिक स्थिति में लगातार गिरावट आती जा रही है। पाकिस्तान की राजनीतिक पाॢटयों और प्रशासन में वही लोग बार-बार दिखाई देते हैं जिन्होंने पाकिस्तान को बर्बादी के रास्ते पर पहुंचाया है। हालांकि ये लोग कम पढ़े-लिखे हैं लेकिन अपने निजी हितों की खातिर जोड़-तोड़ करने में निपुण हैं। वे ऐसी स्वाभाविक प्रतिभा से विहीन हैं जो पाकिस्तान को सही दिशा के पथ पर ले जा सकें। 

यदि पाकिस्तान में इमरान सरकार की उपलब्धियों पर पैनी दृष्टि डाली जाए तो यह सब शून्य से ज्यादा नहीं है। यही कारण है कि इमरान की सरकार की लोकप्रियता निम्र स्तर पर जा पहुंची है। आज नया पाकिस्तान कहीं दिखाई नहीं देता। इमरान खान की पार्टी के लोग बड़े-बड़े नारे लगाते थे, ‘‘जब आएगा इमरान बढ़ेगा देश का सम्मान’’, ‘‘जब आटा-चीनी सस्ती होगी, जब देश में छाएगा इमरान’’। 

माफिया पर लगाम लगाना, 50 लाख मकान बनाने, एक करोड़ युवाओं को रोजगार देना, बिजली, डीजल और पैट्रोल इत्यादि सस्ता होगा के सुनहरे सपने दिखाने वाला मदारी इमरान अब जनता को खलनायक लगने लग गया है। आजकल इमरान अपनी सरकार की नालायकियों को छुपाने के लिए बड़ी-बड़ी प्रैसवार्ताएं कर रहे हैं। ‘फ्रीडम ऑफ एक्सप्रैशन’ में पाकिस्तान 185 देशों में से 145 नम्बर पर आया। देखा जाए तो देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ऐसे शून्य विचारों वाले लोगों से घिरे हुए हैं जो चापलूसी के अलावा और कुछ जानते ही नहीं। पाकिस्तान में इस समय स्थिति क्या है इसका नवीनतम उदाहरण इस बात से मिलता है कि सीनेटर के चुनावों में धांधली हुई परंतु किसी की अपील/दलील सुनी नहीं गई। पाकिस्तान के प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘खबरें’ के संपादकीय में लिखा गया है कि इस समय पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं। 

देश की मौजूदा समस्याओं के लिए इमरान खान की सरकार ही जिम्मेदार है। इस समय पाकिस्तान में कानून व्यवस्था की बहुत बुरी हालत है। अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया जा रहा है। हिन्दू, ईसाई समुदाय की लड़कियों का अपहरण कर उन्हें जबरन इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहा जा रहा है। पाकिस्तान में इस समय बिजली की कमी ने भी वहां के निवासियों को परेशान कर रखा है। इस गर्मी के मौसम में पसीने-पसीने हो रही जनता का धैर्य समाप्त होता जा रहा है। बेरोजगार लोगों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। गरीबी का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है। जगह-जगह इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकारी संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास कम होता जा रहा है। 

पाकिस्तान में इस समय हवाओं का रुख बदल रहा है। पाकिस्तान में पी.टी.आई. के भीतर सन्नाटा छाया हुआ है और इमरान के चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है। शूगर माफिया ने सरकार को 378 अरब करोड़ का चूना लगाया है। वहां महंगाई रुकने का नाम नहीं ले रही। जो सेना कहती है वही सरकार करती है।-सुभाष आनंद


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