गुजरात में भाजपा की जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं वित्तीय बाजार

punjabkesari.in Monday, Oct 30, 2017 - 01:04 AM (IST)

जब गुजरात चुनावी युद्ध के लिए कमर कस रहा है, तो विश्लेषक यह मान रहे हैं कि आर्थिक फैसलों को आगे बढ़ाने में राजनीतिक गणनाएं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। हालांकि वर्तमान स्तरों पर बाजार कुछ हद तक भारतीय जनता पार्टी की जीत को अधिक भाव दे रहे हैं, तो भी जब तक अंतिम परिणाम स्पष्ट नहीं होते वह अपने हिसाब से ऊपर-नीचे होते रहेंगे। 

अब से लेकर आम चुनाव तक (जोकि सम्भवत: मई 2019 में होंगे)12 प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिनके बारे में विश्लेषकों का मानना है कि उनकी व्याख्या एक तरह से दो प्रमुख मुद्दों- यानी नोटबंदी और जी.एस.टी. का कार्यान्वयन-के संबंध में मोदी सरकार पर जनमत के रूप में की जाएगी। इन राज्यों में से मुख्य फोकस गुजरात (दिसम्बर 2017), कर्नाटक  (2018), मध्यप्रदेश (दिसम्बर 2018) और राजस्थान (दिसम्बर 2018)पर होगा। समाचारों से ऐसा प्रभाव मिलता है कि चुनाव आयोग 2019 के आम चुनाव के साथ ऐसे कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव भी नत्थी कर सकता है जहां 2018 के अंत या 2019 के मध्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हों। 

‘ईक्वीनोमिक्स रिसर्च’ के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी. चोक्कलिंगम का कहना है: ‘‘ताजा चुनावी नतीजे आने की देर है 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों के पूर्वानुमान काफी हद तक सटीक होंगे। दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री मोदी का गृह राज्य होने के कारण वहां पर उनकी लोकप्रियता को अखिल भारतीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण नमूने के रूप में आंका जा सकता है।’’ गत एक महीने दौरान सरकार ने अनेक नीतिगत कदमों की घोषणा की है जिनमें ब्याजमुक्त कृषि ऋण तथा गुजरात औद्योगिक विकास निगम की नई इकाइयों का गठन भी शामिल है। सरकारी क्षेत्र के बैंकों का पुन: पूंजीकरण करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपए का पैकेज तथा ‘भारतमाला परियोजना’ के रास्ते आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण के दो महत्वपूर्ण फैसलों ने बाजारों का ध्यान खींचा है।

‘नोमुरा’ कम्पनी की प्रबंध निदेशक एवं भारत के लिए इसकी प्रमुख अर्थशास्त्री सोनल वर्मा का कहना है: ‘‘बड़े आकार के सुधार हम पीछे छोड़ आए हैं और यह उम्मीद करनी चाहिए कि पहले से घोषित परियोजनाओं और सुधारों के कार्यान्वयन में कुछ नई बढ़ौतरी हो सकती है जैसे कि बैंकिंग क्षेत्र में रणनीतिक सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री, आधारभूत ढांचे पर खर्च तथा निजीकरण इत्यादि। वित्त वर्ष 2018 में हमें वित्तीय सुदृढ़ीकरण को ब्रेक लगने की उम्मीद करनी चाहिए। वैसे यह आशा नहीं करनी चाहिए कि सरकार हर प्रकार की सावधानी को ताक पर रखने की नीति अपनाएगी, तो भी यह पूरी तरह सम्भव है कि आगामी एक वर्ष दौरान अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सरकार कोई न कोई कदम अवश्य उठाएगी।’’ 

ऐसे में ताजा चुनावी नतीजों की व्याख्या बाजारों द्वारा किस अर्थ में की जाएगी और उनकी निवेश रणनीति क्या होगी? बेशक अधिकतर विश£ेषक गुजरात चुनाव में भाजपा के विजयी होकर निकलने की उम्मीद करते हैं, फिर भी यदि यह प्रदेश भाजपा के हाथ से निकल जाता है तो इससे बाजारों की भावनाएं निश्चय ही प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि वर्तमान सरकार की राजनीतिक स्थिरता तथा आर्थिक सुधारों पर फोकस ही वित्तीय बाजारों में दीर्घकालिक उछाल के लिए जिम्मेदार हैं। 2017 में अब तक एस.एंड पी.-बी.एस.ई. सैंसेक्स और निफ्टी-50 सूचकांक क्रमश: 24 और 26 प्रतिशत ऊंचे उठे हैं। बी.एस.ई. के मिड-कैप और स्माल-कैप सूचकांक तो क्रमश: 35 और 45 प्रतिशत उछाल के साथ अपनी मूल कम्पनियों को भी पीछे छोड़ गए हैं। 

चोक्कलिंगम कहते हैं: ‘‘मेरा मानना है अब से लेकर चुनावी नतीजों तक यह वृद्धि कुछ देर के लिए थमी रहेगी। गुजरात विधानसभा के चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर मोदी की लोकप्रियता के पैमाने का सैम्पल समझे जाएंगे। पूंजी बाजारों का भरोसा सुदृढ़ करने के लिए मोदी की जीत जरूरी है। मैं यह नहीं मानता कि विदेशी संस्थागत निवेशक गुजरात चुनावों के नतीजे आने तक निवेश के लिए इंतजार करेंगे। हाल ही में जो उछाल देखने को मिल रहा है उसके चलते निवेशक जल्दी ही लाभ दर्ज कर सकते हैं।’’ इक्विटी में 95 हजार करोड़ रुपए निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड सम्भवत: और निवेश करना जारी रखेंगे। इसका असर यह होगा कि किसी विपरीत घरेलू या ग्लोबल घटनाक्रम के बावजूद भारतीय पूंजी बाजारों में गिरावट नहीं आएगी। 

मिजूहो बैंक के भारत के लिए रणनीतिकार तीर्थंकर पटनायक का कहना है: ‘‘बाजार गुजरात में मोदी-भाजपा की जीत पर उम्मीद लगाए हुए है। घरेलू संस्थान वहां ऐसे मौके पर निवेश कर रहे हैं जब विदेशी संस्थागत संस्थानों का पैसा बाहर जा रहा है। यदि कोई महत्वपूर्ण नकारात्मक घटनाक्रम निवेशकों को दोबारा सोचने पर मजबूर नहीं करता तो घरेलू तथा विदेशी दोनों तरह का निवेश बाजारों को उछाल की स्थिति में रखेगा।’’-पुनीत बधवा 

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