झलकियां चुनावी राज्यों की पांचवीं पास बाबा लड़ रहा छठी बार चुनाव

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 03:49 AM (IST)

पांच चुनावी राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनावी बुखार जोरों पर है। छत्तीसगढ़ में चुनाव का एक दौर 12 नवम्बर को सम्पन्न हो चुका है जबकि दूसरे दौर के चुनाव बाकी हैं। इसी प्रकार अन्य 4 राज्यों में भी मतदान होने वाला है। यहां प्रस्तुत हैं उक्त राज्यों की चुनावी गहमागहमी की चंद दिलचस्प बातें : 

सभी चुनावी राज्यों में वाहनों की सघन चैकिंग चल रही है तथा प्रतिदिन मतदाताओं को बांटने के लिए कैश ले जा रही गाडिय़ां पकड़ी जा रही हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक कार में से 7 लाख रुपए और टीकमगढ़ में 2 अलग-अलग गाडिय़ों से 5 लाख रुपए जब्त किए गए। इससे पूर्व मुरैना में एक कार से 8 लाख रुपए नकदी बरामद की गई थी। 

मध्य प्रदेश के बालाघाट की राजनीति में उस समय एक नया अध्याय जुड़ गया जब 5 नवम्बर को कांग्रेस नेता अनुराग चतुर मोहता द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के कुछ ही समय बाद कोतवाली पुलिस ने उसे ‘भारत बंद’ के दौरान पुलिस पर हमला करने और तोड़-फोड़ में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश के चुनाव में भाजपा ने ‘राम’ नाम वाले 13 तथा कांग्रेस ने 5 उम्मीदवार उतारे हैं। राम ही नहीं बल्कि जनक, लक्ष्मण, कृष्ण और शिव नाम वाले उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। नारायण हैं तो लक्ष्मी भी चुनाव लड़ रही हैं। कहीं राम का मुकाबला शिव से है तो कहीं राम और श्याम में भिड़ंत होनी है। कहीं मोहन और कहीं कन्हैया भी आमने-सामने नजर आ रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले की ‘पाली तानाखार’ विधानसभा सीट के साथ एक विचित्र संयोग जुड़ा हुआ है। यहां दल बदल कर आने वाले नेता ही चुनाव में सफल होते रहे हैं और यहां दलबदलुओं के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता है। दोनों प्रमुख दलों के समक्ष यहां से दल बदलुओं को उतारने के सिवा कोई अन्य विकल्प भी नहीं होता। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में जहां 7 से 10 रुपए में एक समोसा बिकता है वहीं अजय पाली उर्फ बाबा 2 रुपए में एक समोसा बेचता है। पांचवीं पास बाबा 5 बार चुनाव लड़़ कर पांचों बार हार चुका है। वह समोसे बेच कर पैसे जुटाता है और चुनाव लड़ता है। बाबा ने सबसे पहले 2000 में नगर पालिकाध्यक्ष के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था तो उसे 71 वोट मिले थे। 2008 के विधानसभा चुनाव में उसे 241 वोट मिले और 2013 में उसका नामांकन रद्द हो गया। 

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के अनेक गांवों के लोगों ने बुनियादी सुविधाओं के अभाव में चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। जिले के गांवों में सर्वाधिक समस्या बिजली की कमी की है और दर्जनों गांवों में अभी भी अंधेरा पसरा हुआ है। राजस्थान में भाजपा का पारंपरिक मतदाता रहा राजपूत समाज तो पहले ही भाजपा से नाराज चल रहा है, अब जाट समाज ने भी इससे बगावत कर दी है। जाट यहां का सबसे बड़ा जातीय समूह हैं व इनकी सबसे बड़ी संस्था ‘राजस्थान जाट महासभा’ ने भाजपा से नाता तोडऩे की घोषणा कर दी है। राजस्थान में साधु-संतों का राजनीति से लगाव बढ़ता ही जा रहा है। झुंझुनूं के लौहार्गल पीठ के महंत अवधेशाचार्य नवलगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं। वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर से मिल चुके हैं। 

नवलगढ़ से भाजपा आज तक कभी चुनाव नहीं जीत पाई, लिहाजा महंत अवधेशाचार्य भाजपा की टिकट पर नवलगढ़ सीट जीत कर पार्टी की झोली में डालना चाहते हैं। साधु-संतों की लम्बी कतार है जो त्याग, तपस्या और सत्संग का मार्ग छोड़ कर सियासत की सीढिय़ां चढऩा चाहते हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कटु टिप्पणियों के साथ नेताओं के बिगड़े बोल भी सामने आने लगे हैं। ताजा मामला बाड़ी में भाजपा के पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर का है जिन्होंने एक समारोह में कहा कि ‘‘अगर किसी ने मेरे वर्कर को उंगली भी लगा दी तो मैं उसका हाथ काट दूंगा... एक भी भाजपा वर्कर से ‘तू’ कह दिया तो घर से निकलने नहीं दूंगा और लाशें बिछा दूंगा।’’ 

राजस्थान में चुनावी सरगर्मियों की तेजी के बीच 14 नवम्बर को भाजपा के एक वर्तमान सांसद हरीश मीणा (दौसा) और विधायक हबीबुर्रहमान (नागौर) कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव से ठीक पहले इस राजनीतिक घटनाक्रम को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अभी तक इन चुनावों के सिलसिले में कुछ इस प्रकार की दिलचस्पियां सामने आई हैं। समय आने पर इनमें कुछ और दिलचस्पियां भी जुड़ेंगी जिनसे हम अपने पाठकों को बाद में अवगत करवाएंगे।—विजय कुमार 


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Pardeep

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